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चीनी प्रधानमंत्री की यात्रा के चंद दिन बाद ही धर्मशाला से चीनी जासूस गिरफ्तार

कुछ दिन पहले चीन के प्रधानमंत्री भारत आए और बड़ी-बड़ी बातें कीं, और अब हिमाचल प्रदेश से चीन के एक जासूस को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

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चीन चाहे लाख बार कहे कि वह भारत से बेहतर रिश्तों का पक्षधर है, लेकिन उस पर यकीन नहीं किया जा सकता. इसलिए, क्योंकि उसकी करनी और कथनी में बड़ा अंतर रहा है. कुछ दिन पहले चीन के प्रधानमंत्री भारत आए और बड़ी-बड़ी बातें कीं, और अब हिमाचल प्रदेश से चीन के एक जासूस को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

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चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग जब भारत आए और भारतीय प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात की तो उन्होंने कहा था कि दोनों देश 'रणनीतिक साझेदार तथा अच्छे मित्र' हैं और वे एक-दूसरे के साथ साफगोई के साथ बातें कर सकते हैं. और उसके चंद दिनों बाद ही चीनी जासूस का पकड़ा जाना, इसी ओर इशारा करता है कि चीन भरोसे के लायक नहीं है. जाहिर की चीन की मंशा अब भी रणनीतिक तौर पर भारत को पटखनी देकर आगे बढ़ने की है.

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में मैकलोडगंज से पुलिस ने बुधवार रात को एक संदिग्ध चीनी जासूस को गिरफ्तार करने का दावा किया. पुलिस ने सेरिंग के पास से एक भारतीय मतदाता पहचान-पत्र और आधार कार्ड भी बरामद किया गया. और खास बात यह भी है कि दोनों दस्तावेज देश की राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक में रजिस्टर्ड हैं.

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कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक बलबीर ठाकुर ने बताया कि तिब्बती मूल के पेमा सेरिंग को धर्मशाला में तिब्बत सरकार की सुरक्षा एजेंसियों की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया. ठाकुर ने कहा, 'हम तिब्बती सुरक्षा एजेंसियों से लिखित शिकायत मिलने के बाद उस नजर बनाए हुए थे. हमने बुधवार की शाम को उसे गिरफ्तार कर लिया.'

पुलिस अधीक्षक ने कहा, 'हम उसके कब्जे से बरामद दस्तावेजों की वैधता और क्या उसने भारतीय नागरिकता हासिल की है, इसकी जांच कर रहे हैं, क्योंकि उसके पास से एक भारतीय मतदाता पहचान-पत्र मिला है.' पुलिस के अनुसार, सेरिंग नेपाल के रास्ते 2009 में भारत पहुंचा था. वह कुछ दिन पहले ही धर्मशाला आया था.

तिब्बती खुफिया रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए ठाकुर ने कहा कि सेरिंग चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का सदस्य था और उसने भारत आने से पहले पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स (पीएपीएफ) में सेवा की. धर्मशाला से ही तिब्बत की निर्वासित सरकार संचालित होती है और दलाई लामा वहीं रहते हैं.

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