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शारदा घोटाला: सांसद कुणाल घोष ने की जेल में खुदकुशी की कोश‍िश, अस्पताल में भर्ती

चिटफंड घोटाले में फंसे तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष ने जेल में खुदकुशी की कोश‍िश की है. घोष को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घोटाले में फंसने के बाद घोष को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था.

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कुणाल घोष (फाइल फोटो)
कुणाल घोष (फाइल फोटो)

शारदा चिटफंड घोटाले में फंसे तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष ने जेल में खुदकुशी की कोश‍िश की है. घोष को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घोटाले में फंसने के बाद घोष को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. आपको बता दें कि इस घोटाले में नाम आने के बाद कुणाल घोष ही वह शख्स हैं जिन्होंने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का नाम लिया था.

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सूत्रों के मुताबिक प्रेसिडेंसी जेल में बंद कुणाल घोष ने नींद की 98 गोलियां खा ली हैं. जेल प्रशासन के मुताबिक घोष फिलहाल होश में हैं. घोष को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है. इस घटना के बाद जेल सुपरिटेंडेंट को निलंबित कर दिया गया है.

घोष के परिजनों ने कोलकाता पुलिस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी है. परिजनों का दावा है कि उन्हें खुदकुशी के बारे में अभी तक कोई आधि‍कारिक सूचना नहीं दी गई है. घोष के वकील आज कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. वकील ने दावा किया कि कोर्ट को कुणाल की मानसिक हालत के बारे में सूचना दे दी गई थी.

खुदकुशी की दी थी धमकी
घोष ने बीते 10 नवंबर को अदालत में पेश के दौरान धमकी दी थी कि यदि सीबीआई ने घोटाले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ तीन दिन के भीतर उचित कार्रवाई नहीं की तो वह खुदकुशी कर लेंगे. जेल विभाग के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, घोष ने आत्महत्या करने की धमकी दी थी इसलिए हम पिछले दो दिन से उन पर नजर रख रहे थे. उनके सोने से पहले उनकी अच्छी तरह तलाशी ली गई थी. लेकिन तब कोई भी दवा या नींद की गोलियां उनके पास से नहीं मिली थीं. लेकिन देर रात दो बज कर करीब 30 मिनट के आसपास उन्होंने सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की और कहा कि उन्होंने गोलियां खा ली हैं. इसके बाद जेल के डॉक्टरों को बुलाया गया और उनकी गहन जांच की गई लेकिन कुछ भी असामान्य नहीं पाया गया. फिर भी, जेल प्रशासन ने कोई खतरा मोल नहीं लिया.

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पेशे से पत्रकार घोष सारदा ग्रुप की कंपनी बंगाल मीडिया लिमिटेड के पूर्व सीईओ हैं. घोष के खिलाफ एक निवेशक ने पिछले साल आईपीसी की धारा 406 (विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज कराया था. 46 साल के कुणाल घोष तृणमूल कांग्रेस के कोटे से राज्यसभा सांसद भी थे लेकिन उन्हें पार्टी ने अनिश्च‍ित काल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है. हालांकि घोष सीएम ममता बनर्जी के करीबियों में से एक थे.

करोड़ों रुपये के शारदा घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है. इस बहुचर्चित घोटाले में बंगाल से लेकर ओड‍िशा तक कई बड़े नेताओं और अन्य हस्‍ितयों के नाम सामने आए हैं. घोटाले में नाम आने के बाद असम के पूर्व डीजीपी शंकर बरुआ ने पिछले महीने गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी.

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