योगगुरु बाबा रामदेव दुर्गा शक्ति नागपाल के सस्पेंशन को तो गलत ठहरा रहे हैं लेकिन इससे ज्यादा वो अखिलेश सरकार के खिलाफ कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं. हां, लेकिन मौका मिलते ही रामदेव सोनिया गांधी पर निशाना साधने से नहीं चूके.
नागपाल के साथ नाइंसाफी हुई है, ये कहना है बाबा रामदेव. हालांकि बाबा रामदेव से जब पूछा गया कि क्या मुलायम सिंह और अखिलेश सरकार ने दुर्गा के साथ जो किया वो गलत था, तो इस पर बाबा कुछ कहने से ना केवल बच रहें हैं बल्कि उनका कहना है कि रहने दो जो कहना था वो काफी है.
इन सब के बीच बाबा रामदेव को अचानक याद आई सोनिया गांधी का वो पत्र, जो उन्होंने शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिख कर कहा था कि दुर्गा शक्ति नागपाल के साथ नाइंसाफी ना हो. बाबा ने इस पत्र के जवाब में सोनिया को याद दिलाया कि हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के बारे में भी सोनिया ने पत्र क्यों नहीं लिखा.
बाबा रामदेव ने सवाल उठाया कि अशोक खेमका के बारे में सोनिया का लोकतंत्र कहां गया था. उत्तर प्रदेश की आईएएस अधिकारी दुर्गा का मामला भले ही यूपी सरकार के लिए मुसीबत का सबब बन रहा हो पर बाबा रामदेव को इससे भी बड़ा मामला हरियाणा के आईएएस अशोक खेमका का नजर आता है.
मुद्दा कुछ भी हो पर बाबा रामदेव के निशाने पर हमेशा कांग्रेस, प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी ही रहते हैं, अब मामला यूपी सरकार और निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गा का हो पर बाबा को यहां भी सोनिया और राहुल पर निशान साधने का मौका मिल गया.
बाबा ने इतना कहा कि दुर्गा के साथ नाइंसाफी हुई पर उस वक्त सोनिया का लोकतंत्र कहां गया था जब रॉबर्ट वाड्रा मामले में हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका का बार-बार ट्रांसफर किया गया.
बाबा रामदेव ने दुर्गा के लिए कहा, 'दुर्गा शक्ति के साथ नाइंसाफी हुई है और ये नाइंसाफी सभी सरकारें और सभी राजनीतिक दल करते हैं.' जब बाबा से पूछा गया कि क्या दुर्गा का सस्पेन्शन वापस होना चाहिए, तो इस मामले में बाबा रामदेव ने कहा, 'बस हो गया, जितना बोल दिया इतना ठीक है.'
बाबा रामदेव को खनन माफिया छोटे लगते हैं. उन्होंने कहा, 'इसमें तो कम लूट है, पर कोयला और पेट्रोलियम में लोग कहीं ज्यादा लूट रहें हैं.' बाबा रामदेव के लिए खनन माफियाओं से बड़े काले धन को विदेशों में जमा करने वालें हैं. खनन माफियाओं के बारे में बाबा रामदेव ने कहा, 'खनन माफिया देश के बहुत शत्रु हैं और उनको शह देते हैं, भ्रष्ट नेता और भ्रष्ट अधिकार.'
बाबा के निशाने पर केवल सोनिया, राहुल, प्रधानमंत्री ही क्यों रहतें हैं. मुलायम और उनके बेटे या उनकी पार्टी कितने ही गलत काम क्यों न करें, बाबा की जुबान उनके खिलाफ बोलने में कांपने क्यों लगती है.
बाबा को मुलायम से डर क्यों लगता है, या फिर बाबा मुलायम के प्रति हमेशा क्यों इतने नरम रहते हैं. क्या ये बाबा का यादव प्रेम है या फिर उनकी राजनीतिक मजबूरी, ये भी सब समझने में लगे हैं.