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SYL मामला: पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार करें मीटिंग- सुप्रीम कोर्ट

पंजाब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल को तैयार नहीं है. पंजाब के मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के वक्त काफी विरोध किया था. तब के चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार से मीटिंग आयोजित करने को कहा था लेकिन अब तक कोई मीटिंग नहीं हो पाई है.

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सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो

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सतलज यमुना लिंक नहर यानी SYL मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नहर के निर्माण को लेकर पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार को मीटिंग करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि तीनों पक्ष एक बार कोर्ट के आदेश को लागू करने को लेकर मीटिंग करें. अगर मीटिंग से कोई नतीजा नहीं निकलता है तो हम अपना आदेश लागू कराएंगे.

सुप्रीम कोर्ट 3 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा. पंजाब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल को तैयार नहीं है. पंजाब के मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के वक्त काफी विरोध किया था. तब के चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार से मीटिंग आयोजित करने को कहा था लेकिन अब तक कोई मीटिंग नहीं हो पाई है. एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी के साथ केंद्र सरकार को हरियाणा और पंजाब सरकार के साथ बैठकर फैसला लागू करने को कहा है, वरना कोर्ट अपने मुताबिक इसे लागू कराएगा.

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पिछले साल हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर पर पंजाब के साथ जारी मतभेद के मामले की जल्दी सुनवाई करे. इस मामले का उल्लेख चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की बैंच के समक्ष किया गया. पिछले साल 11 जुलाई को कोर्ट ने कहा था कि एसवाईएल नहर पर उसके फैसले का सम्मान करना और उसे लागू करना पंजाब और हरियाणा के लिए अनिवार्य है.

इस मुद्दे पर पंजाब हमेशा से विरोधी रुख अपनाता रहा है. वहां जितनी भी सरकारें आईं, सबने दूसरे प्रदेशों को एक बूंद भी पानी न देने की बात कही. जबकि सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर तल्ख टिप्पणी कर चुका है.

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