प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना 'स्वच्छ भारत अभियान' को तीन साल पूरे हो गए हैं. गांधी जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर, 2014 को पीएम मोदी इस अभियान की शुरुआत की थी. ऐसे में इन तीन वर्षों के दौरान देश में स्वच्छ भारत अभियान का क्या और कितना असर देखने को मिला, इन 10 बिंदुओं में जानिए स्वच्छता का हाल...
1. कुछ आंकड़ों के अनुसार, इस अभियान की बदौलत देश में साफ-सफाई के हालात सुधरे हैं, जहां 39 सफाई परिदृश्य 39% से बढ़कर 67.5% पर पहुंच चुकी है.
2. इस अभियान के लागू होने के बाद से अब तक केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल, झारखंड और हरियाणा के गांवों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है. जबकि 2014 में सिर्फ सिक्किम ही ऐसा राज्य था.
3. सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य देश के 10 राज्यों को मार्च 2018 तक खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त बना देंगे.
4. वर्ष 2019 तक भारत को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए 1.96 लाख करोड़ रुपये की लागत से 1.20 करोड़ शौचालय का निर्माण किए जाने का लक्ष्य है.
5. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2017 तक देश भर के 2.47 लाख गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाया जा चुका है.
6. हालांकि इस अभियान के पीछे सबसे बड़ा रोड़ा बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य बनते दिख रहे हैं, जहां इस अभियान की प्रगति बेहद कम दिख रही है.
7. यूपी, बिहार, झारखंड में कई बार इस अभियान को लागू कराने के लिए प्रशासन की तरफ से जोर जबरदस्ती भी सुर्खियां बनती रही है.
8. रांची नगर निगम ने पिछले खुले में शौच करने वाले के खिलाफ 'हल्ला बोल, लुंगी खोल' अभियान छेड़ा. इसके तहत निगम अधिकारी खुले में शौच करते लोगों को पकड़ती और उनकी लुंगी जब्त कर लेती.
9. वहीं राजस्थान में भी स्वच्छ भारत मिशन में बड़ी गड़बड़ी देखने को मिली. इंडिया टुडे के ग्राउंड रिपोर्ट में यह हकीकत सामने आई कि यहां कई गांवों में लोगों ने सरकार से इनाम भी ले लिया और शौच के लिए खेतों में जाना भी नहीं छोड़ा.
10. इस बीच स्वच्छ भारत अभियान के लिए फंड की कमी की खबर आई. इस कारण से सरकार ने सभी कंपनियों को चिट्ठी लिखकर कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिल्टी यानी सीएसआर फंड का 7 फीसदी हिस्सा स्वच्छ भारत कोष में जमा करने का सुझाव दिया है.