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डेलिगेशन के साथ नेपाल पहुंचीं सुषमा, कोइराला को दी श्रद्धांजलि

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला के निधन पर शोक जताने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज काठमांडू गई हैं. उनके साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा है.

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सुषमा स्वराज के नेतृत्व में काठमांडू पहुंचा प्रतिनिधिमंडल
सुषमा स्वराज के नेतृत्व में काठमांडू पहुंचा प्रतिनिधिमंडल

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नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला को श्रद्धांजलि देने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मंगलवार को काठमांडू पहुंचीं. कोइराला का सोमवार देर रात निधन हो गया था. वह 79 साल के थे. सुषमा के साथ एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गया है.

ये नेता गए काठमांडू
कोइराला को श्रद्धांजलि देने गए प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल कोइराला के परिजनों से भी मिला. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह सुनिश्चित करने के पूरे प्रयास किए कि प्रतिनिधिमंडल में विपक्ष सहित हर पार्टी के नेता हों.

सुषमा नेपाल के PM, राष्ट्रपति से मिलीं
नेपाल की यात्रा पर आईं विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली से शिष्टाचार मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोईराला को श्रद्धांजलि देने के बाद दोनों नेताओं से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव शामिल थे. राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने भारतीय नेताओं से कहा कि भारत और नेपाल के रिश्ते बहुत गहरे, अभिन्न और राजनीति की सीमा से परे हैं. ओली ने कहा, 'भारत हमेशा ही दुख की घड़ी में नेपाल के साथ खड़ा होता है.'

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कोइराला 11 फरवरी 2014 से 10 अक्टूबर 2015 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रहे थे. पीएम बनने के बाद सबसे बड़ा जिम्मा उन पर नया संविधान बनाने का था, जिसमें उन्होंने अहम भूमिका निभाई.

भारत से था गहरा नाता
कोइराला भारत के साथ मजबूत संबंधों के पक्षधर रहे. बनारस में पैदा हुए और काफी समय भारत में गुजारा. राजशाही के कारण 1960 में उन्होंने 16 साल राजनीतिक निवार्सन का जीवन भारत में बिताया. 1979 में विमान अपहरण में शामिल होने के कारण वे तीन साल जेल में भी रहे. इस विमान को नेपाली कांग्रेस के लिए फंड जुटाने के लिए अगवा किया गया था.

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