गुजरात में स्वाइन फ्लू अब बेकाबू होता जा रहा है. गुजरात में पानी की बाढ़ के बाद अब स्वाइन फ्लू के मरीजों की बाढ़ आई हुई है. यहां अस्पताल स्वाइन फ्लू के मरीजों से भरे पड़े हैं. दरअसल गुजरात सरकार अब तक स्वाइन फ्लू पर काबू पाने में नाकामयाब साबित हुई है. गुजरात में स्वाइन फ्लू को लेकर पिछले 15 दिनों में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
सरकार जो आंकड़ा दे रही है उसमें 1 जनवरी से लेकर अब तक 220 लोगों की मौत सिर्फ स्वाइन फ्लू की वजह से हो चुकी है. रिपोर्ट के मुताबिक अब तक स्वाइन फ्लू के 2100 केस गुजरात में दर्ज हो चुके हैं. वहीं स्वाइन फ्लू को लेकर गुजरात सरकार ने एक एडवाइजरी भी जारी की है. जिसमें सभी अस्पतालों में वेन्टीलेटर ओर टॉमी फ्लू की दवाई का स्टॉक रखने के लिए कहा गया है.
स्वाइन फ्लू को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने गुजरात के चार बड़े अस्पताल (सिविल अस्पताल सूरत, वडोदरा, राजकोट और अहमदाबाद) का दौरा किया. विजय रुपानी के साथ गुजरात के आरोग्य मंत्री शंकर चौधरी भी दौरे पर मौजूद रहे. खुद दोनों ही मंत्री ने स्वाइन फ्लू का ब्यौरा लिया, डॉक्टर के साथ मीटिंग की.
मीटिंग के दौरान डॉक्टरों को गाइडलाइन दी गई कि स्वाइन फ्लू वाले मरीज को जल्द से जल्द ट्रीटमेंट मिलनी चाहिए. स्वाइन फ्लू की रिपोर्ट अब सिर्फ 4 से 5 घंटो के भीतर ही अस्पताल और डॉक्टर को मिल जाएगी. ताकी वक्त रहते मरीज की दवाई हो पाए.
स्वाइन फ्लू को लेकर सरकार ने 15 लाख से ज्यादा टोमी फ्लू कैप्स्यूल और 3 लाख से ज्यादा सीरप अस्पताल और आरोग्य केन्द्रों में मुहैया करवाई हैं. गौरतलब है कि जनवरी से लेकर जून तक गुजरात में स्वाइन फ्लू के 256 केस दर्ज हुए थे. जबकि जुलाई में स्वाइन फ्लू के 322 केस दर्ज हुए हैं और अगस्त के 16 दिनों में अब तक 1300 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं. सरकार समझ नहीं पा रही है कि आम तौर पर सर्दियों में होने वाला स्वाइन फ्लू इस बार मानसून के सीजन में कैसे फैल रहा है.