स्विट्जरलैंड एक अगस्त तक टैक्स से जुड़ी जानकारी भारत सरकार को दे देगा, इसकी उम्मीद अब बढ़ गई है. स्विस सरकार ने नया 'टैक्स एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंस एक्ट' अपनी वेबसाइट पर लगाया है. वेबसाइट पर भरोसा जताया गया है कि किसी भी प्रांत में बिल के खिलाफ रेफरेंडम नहीं करवाया जा रहा है. यानी बिल के अपने मूल रूप में लागू होने की संभावना बढ़ गई है. यह खबर अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने दी है.
इस एक्ट के लागू होने के बाद स्विस सरकार बैंकों की गोपनीयता नियमों के कई प्रावधानों की अनदेखी कर सकेगी. बैंकों के गोपनीयता नियम खाताधारकों के बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक करने की इजाजत नहीं देते. स्विस प्रांतों के लिए एक्ट पर रेफरेंडम का नोटिस देने की आखिरी तारीख 10 जुलाई है, लेकिन इसके लिए 100 दिनों में जमा किए गए कम से कम 50 हजार लोगों के हस्ताक्षर की जरूरत होगी. लिहाजा बिल के गिरने की आशंका कम ही है.
अपनी पहल पर स्विस प्रशासन को चिट्ठी लिख रही सरकार
उधर, काला धन वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने भी कोशिशें तेज कर दी हैं. सोमवार को वित्त मंत्री ने ऐलान
किया कि भारत सरकार स्विट्जरलैंड को इस बारे में चिट्ठी लिखेगी.
जेटली ने सोमवार को कहा, 'कई जगह ऐसी खबर आई है कि स्विस अथॉरिटी भारत सरकार के साथ सहयोग के लिए तैयार हैं. वे उन भारतीयों के ब्यौरे देने को तैयार हैं, जिनके स्विस बैंकिंग सिस्टम में अकाउंट हैं. लेकिन वित्त मंत्रालय को इस बारे में स्विट्जरलैंड से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है. मगर आज हम खुद से ही स्विस प्रशासन को लिख रहे हैं और इसकी प्रक्रिया पूछ रहे हैं.'