विदेशों में कालाधन मामले में केंद्र सरकार को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. स्विट्जरलैंड ने भारत सरकार से इस बाबत जांच में सहयोग का वादा किया है. दावोस में वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की बैठक के दौरान अरुण जेटली को स्विट्जरलैंड के वित्त मंत्री ने पूरी मदद का भरोसा दिलाया है. बैठक के बाद जेटली ने कहा कि स्विट्जरलैंड से कालाधन के जांच में सहयोग का वादा मिला है. साथ ही स्विट्जरलैंड उन खाताधारकों की जानकारी देने को भी तैयार है, जिनके खिलाफ भारत में जांच में पुख्ता सबूत मिले हैं.
गौरतलब है कि भारत के पास अब तक कालाधन रखने वाले खाताधारकों के नामों की लिस्ट भी व्हिसल ब्लोअर्स के जरिए ही मिली है. लेकिन स्विट्जरलैंड के जानकारियां देने के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब टैक्स हैवन देश उन नामों पर मुहर लगाए. जेटली और स्विट्जरलैंड के वित्त मंत्री एवलिन विडमर के बीच यह बैठक 40 मिनट तक चली. कालेधन के मोर्चे पर सरकार को मिली इस कामयाबी के बाद जेटली ने कहा कि दुनिया अब सूचनाओं के ऑटोमैटिक एक्सचेंज की तरफ बढ़ रही है.
दूसरी ओर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भरोसा दिलाया कि सरकार देश में सुधारों की गति बरकरार रखेगी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह बजट के पहले उम्मीदें नहीं बढ़ाना चाहते हैं. जेटली ने कहा, 'मैं उम्मीदें नहीं बढ़ा रहा हूं, लेकिन हां हम गति बरकरार रखने जा रहे हैं. मैंने पहले ही कहा है कि बजट सिर्फ एक दिन की बात है और साल में 364 दिन और भी होते हैं.' विश्व आर्थिक मंच की बैठक से इतर उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में सरकार ने दिखाया है कि सुधार साल में कभी भी किए जा सकते हैं.
आगामी आम बजट के शनिवार के दिन पेश किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक इत्तेफाक है. बजट 28 फरवरी को पेश होगा और उस दिन शनिवार है.