स्विटजरलैंड के एक पूर्व सांसद का कहना है कि स्विटजरलैंड ने कालेधन की पनाहगाह कहलाने के मामले में अपने रवैये में बदलाव किया है और वह अपने यहां बैंकों में जमा काले धन के बारे में भारत की मदद को तैयार है.
पूर्व सांसद तथा पूर्व फेडरल प्राइस रेग्यूलेटर रूडोल्फ स्ट्राम ने कहा, 'अंतराष्ट्रीय दबाव में, स्विटजरलैंड ने कर चोरों की पनाहगाह के बारे में अपना रवैया बदला है और वह इस बारे में भारत की मदद को तैयार है.' भारत एवं स्विटजरलैंड फिलहाल द्विपक्षीय दोहरी काराधान संधि को लेकर बातचीत कर रहे हैं. इसके अस्तित्व में आने से भारतीय अधिकारियों को स्विटजरलैंड के गुप्त बैंक खातों में जमा राशि का ब्यौरा पाने में मदद मिलेगी.
स्विस बैंकों में जमा भारतीय राशि के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा तो नहीं है लेकिन पूर्व विधि मंत्री राम जेठमलानी तथा अन्य की एक याचिका में दावा किया गया है कि यह राशि 70 लाख करोड़ रुपये तक है.
स्ट्राम ने कहा कि स्विटजरलैंड की सरकार दोहरे कराधान के मुद्दे पर 20 देशों के साथ लगभग 20 द्विपक्षीय समझौते पहले ही कर चुकी है. भारत यात्रा पर यहां पहुंचे स्ट्राम ने कहा, 'बाहरी धन के बारे में स्विटजरलैंड के रवैये में बदलाव की प्रक्रिया है.' स्ट्राम ने कहा कि स्विटजरलैंड की सरकार ने कर चोरी के मामले में अन्य देशों को आधिकारिक मदद की घोषणा की है.