देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद प्रदर्शन हो रहे हैं. देश के कई राज्यों में हिंसक घटनाएं भी हुईं. इनमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दर्जन भर लोग मारे गए. यूपी पुलिस ने हिंसक आंदोलनों में हुए नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों से ही करने की घोषणा करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार भी किया.
अब जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सदातुल्लाह हुसैनी ने इस मुद्दे पर मौन तोड़ा है. शनिवार को हुसैनी ने कहा कि यूपी में अवाम की आवाज को कुचल दिया गया. यह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि यूपी में हुई हिंसा के बाद हमने अपने संगठन सचिव मलिक एन खान को प्रत्येक उस स्थान पर भेजा, जहां हिंसा हुई थी. प्रदेश में लोग डरे हुए हैं. हुसैनी ने कहा कि हर जगह सारे मामलों की न्यायिक जांच की भी मांग की जा रही है.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) पर हो रहे प्रदर्शनों को लेकर गंभीर नहीं है. हुसैनी ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार इसका कोई मुनासिब हल निकाले. उन्होंने कहा कि जमात की तरफ से 21 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को खत भी लिखा गया है, कि जो कानून लाया गया है वह गलत है. हुसैनी ने कहा कि जमात ने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से गुजारिश की है कि वो अपने राज्य में इस कानून को लागू न करें.
शिवसेना के साथ मंच शेयर करने पर क्या बोले हुसैनी
महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मंच शेयर करने पर सदातुल्ला हुसैनी ने कहा कि यह सिर्फ सीएए के विरोध के लिए है. उन्होंने पाकिस्तान के ननकाना साहिब में गुरुद्वारे पर हुए हमले और हिंसा को भी गलत ठहराया है.