कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी को आज पार्टी ने झिड़की लगाई. सोनिया गांधी ने जाति के आधार पर कोटा की व्यवस्था को समाप्त करने के उनके सुझाव को खारिज कर दिया और कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण की व्यवस्था को जारी रखने पर कांग्रेस के रुख को लेकर कोई शक या असमंजस नहीं नहीं होना चाहिए.
सोनिया गांधी ने दो पेज के अपने बयान में कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी का सशक्तिकरण कांग्रेस के लिए आस्था की बात है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण की व्यवस्था पर कांग्रेस के रुख को लेकर कोई शक या असमंजस नहीं होना चाहिए. ये कांग्रेस द्वारा लागू की गई हैं. इन्हें कांग्रेस ने मजबूती प्रदान की है और कांग्रेस इनकी हिमायत करना जारी रखेगी. सोनिया गांधी के इस बयान का प्रत्यक्षत: उद्देश्य द्विवेदी की टिप्पणी को लेकर उठे राजनीतिक विवाद के मद्देनजर किसी प्रकार के नुकसान को रोकना है.
संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी की टिप्पणी की निंदा की है और इसे कांग्रेस पार्टी की राय के रूप में पेश किया. लोकसभा चुनावों से कुछ ही महीने पहले आये द्विवेदी के इस बयान से पल्ला झाड़ने में पार्टी और सरकार ने यह कहते हुए देर नहीं लगायी कि यह उनकी निजी राय है.
सोनिया ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस की यह दृढ राय है कि अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण की व्यवस्था जारी रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सदियों से उन पर थोपे गये भेदभाव और ज्यादतियों से निपटने के लिए यह आवश्यक है.
इस मुद्दे को लेकर राज्यसभा में हंगामे के बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के किसी तरह के प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है. आरक्षण की आज जो व्यवस्था है, संविधान के प्रावधानों के मुताबिक वह जारी रहेगी. मालूम हो कि द्विवेदी ने कहा था कि जाति आधारित आरक्षण खत्म किया जाना चाहिए.