scorecardresearch
 

ग्रहों की चाल से रहिए सावधान!

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 10 मई को अत्यंत प्रबल सप्तग्रही योग का निर्माण हो रहा है. यह एक ऐसा संयोग है जो कई साल बाद देखने को मिल रहा है, ये ग्रहों की ऐसी चाल है जो जीवन का हाल बदल सकती है और इसका असर एक दो नहीं बल्कि सभी राशियों के जातकों पर देखने को मिलेगा.

Advertisement
X
सूर्यग्रहण
सूर्यग्रहण

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 10 मई को अत्यंत प्रबल सप्तग्रही योग का निर्माण हो रहा है. यह एक ऐसा संयोग है जो कई साल बाद देखने को मिल रहा है, ये ग्रहों की ऐसी चाल है जो जीवन का हाल बदल सकती है और इसका असर एक दो नहीं बल्कि सभी राशियों के जातकों पर देखने को मिलेगा.

Advertisement

इस दिन जहां एक तरफ सूर्य, चंद्र दोनों ही ग्रह मेष राशि में मंगल, बुध व केतु के साथ होंगे वहीं इसके ठीक सामने उच्च का शनि और राहु मिलकर सप्तग्रही योग का निर्माण करेंगे. दोपहर 2 बजकर 57 मिनट से पहले जहां रूचक, शश, बुधादित्य और इंद्र योग का निर्माण हो रहा है वहीं 2 बजकर 57 मिनट के बाद चंद्र उच्च होकर वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएगा जहां पहले से ही देव गुरू बृहस्पति और शुक्र मौजूद है. चंद्र देव गुरू के साथ मिलकर गजकेसरी व शुक्र के साथ मालव्य योग का निर्माण करेंगे.

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 9 मई की देर रात 2 बजकर 55 मिनट से लेकर 10 मई सुबह 8 बजकर 55 मिनट तक सूर्यग्रहण लग रहा है. ग्रहण के दौरान आसुरी शक्तियों का बोल बाला रहेगा लेकिन सप्तग्रही योग के कारण दैवीय शक्तियां आसुरी शक्तियों पर भारी साबित होंगी.

Advertisement

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि सप्तग्रही योग के साथ बन रहे अन्य योगों के कारण दैवीय शक्तियां अपने चरम पर होंगी. अगर आसान भाषा में कहें तो ग्रहों की इस चाल में सूर्य और शनि की स्थिति आमने सामने बनी हुई है जिसके कारण सूर्य संबंधी दोष के लिए भगवान विष्णु और शनि को शांत करने के लिए भगवान शंकर की पूजा बेहद फलदायी साबित होगी.

इतना ही नहीं भगवान शिव और विष्णु की पूजा से जातक के जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार होगा जो न केवल जीवन के हर मोर्चे पर हर तरह की समस्या से लड़ने की शक्ति दिलाएगी बल्कि जीवन में खुशियों के आने की राह भी आसान कर देगी.

Live TV

Advertisement
Advertisement