केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सोमवार को कहा कि सरबजीत सिंह की रिहाई के लिए पाकिस्तान से बात की गई है. पाकिस्तान की एक जेल में कैद भारतीय नागरिक, सरबजीत मृत्युदंड का सामना कर रहा है.
शिंदे ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री रहमान मलिक से बात की है और यह मुद्दा विचाराधीन है. शिंदे से पूछा गया था कि क्या अजमल कसाब और अफजल गुरु की फांसी का सरबजीत सिंह की रिहाई पर असर पड़ेगा.
शिंदे ने कहा कि मैंने पाकिस्तान के गृह मंत्री के सामने इस मुद्दे को दो बार उठाया है, मामला विचाराधीन है.
सरबजीत को पाकिस्तान में, लाहौर और फैसलाबाद में 1990 में हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों में कथित संलिप्तता के लिए दोषी ठहराया गया है. इन विस्फोटों में 14 लोग मारे गए थे. पाकिस्तान सरकार का दावा है कि यह मंजीत सिंह है.
सरबजीत का परिवार कहता है कि वह पंजाब में सीमा पर स्थित अपने गांव से संयोगवश भटक कर 28 अगस्त, 1990 को पाकिस्तान में प्रवेश कर गया था.
सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने पिछले महीने कोलकाता में कहा था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार उनके भाई के मुद्दे को सुलझाने को लेकर बहुत संवेदनशील नहीं है.