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पाकिस्तान में चल रही तालिबानी पढ़ाई

पाकिस्तान के कैंपों में ट्रेनिंग लेकर नापाक मिशन पर निकलने वाले आतंकवादी कई बार भारत में मौत का तांडव दिखा चुके हैं, लेकिन रक्षामंत्री ने दुनिया को आगाह किया है कि जिसका निशाना अब तक भारत होता रहा है, उसी के निशाने पर अब दूसरे मुल्क भी हैं.

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रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने कहा है कि पाकिस्तान में भारत सीमा से सटे हुए इलाके आतंकवादी कैंपों से पटे हुए हैं. एंटनी के मुताबिक भारत-पाक सीमा के पार 30 से ज्यादा आतंकवादी कैंपों में हर रोज़ बेकसूर भारतीयों को अपनी गोली से छलनी करने के लिए दहशतगर्द मौत की ट्रेनिंग ले रहे हैं. एंटनी ने पाकिस्तान से दो टूक कह दिया है कि अब हमें सिर्फ और सिर्फ नतीजा चाहिए.

पाकिस्तान के कैंपों में ट्रेनिंग लेकर नापाक मिशन पर निकलने वाले ये आतंकवादी कई बार भारत में मौत का तांडव दिखा चुके हैं. लेकिन रक्षामंत्री ने दुनिया को आगाह किया है कि जिसका निशाना अबतक भारत होता रहा है, उसी के निशाने पर अब दूसरे मुल्क भी हैं. वैसे रक्षा मंत्री ने इस बात की खुशी जाहिर की है कि मुंबई हमले के बाद कई मुल्कों ने भारत के साथ खड़े होकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई.

नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रॉविंस की स्वात घाटी के लोगों को तालिबान अपना सबसे खौफ़नाक चेहरा दिखा रहा है. स्वात घाटी में तालिबान मासूम बच्चों को कसाई बनाने की तालीम तो काफी दिनों से दे रहा था, अब वह दिखा रहा है मासूम चेहरे वाले खूंखार आतंकवादियों का वीडियो. वीडियो भी दिल दहला देने वाला है. तालिबान की ओर से स्वात घाटी ही नहीं, बल्कि पूरे नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रॉविंस में ऐसे-ऐसे वीडियो टेप दिखाए जा रहे हैं, जिसमें 12-15 साल के बच्चों का गिरोह अचानक किसी दूसरे बच्चे पर हमला बोलता है और फिर बड़ी बेरहमी से रेत देते हैं उस मासूम बच्चे की गर्दन.

हाथ में हथियार उठाए मासूम बच्चों की हैवानियत भरा वीडियो लोगों को ज़बरन दिखाया जाता है. दिल भले कांपता रहे, लेकिन तालिबानी दहशत की स्क्रीन से नज़रें हटाने या फिर पलकें झपकाने का मतलब है मौत. जो लोग तालिबान का वीडियो देखने से इनकार करें, उनके लिए तालिबान ने मौत की सज़ा तय कर दी है. तालिबान का खौफ़नाक चेहरा बच्चा-बच्चा देख ले, इसका इंतज़ाम तालिबान के हिमायतियों ने कर दिया है. वे आतंक का वीडियो अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड करके घर-घर में पहुंचा रहे हैं.

{mospagebreak}पाकिस्तान के नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रॉविंस में तालिबान की दहशत नई नहीं है. स्वात घाटी के लोगों को तो तालिबानी फ़रमान की आदत भी पड़ने लगी है, लेकिन दहशत का जो वीडियो तालिबान अब दिखा रहा है, उसके पीछे तालिबान का इरादा बहुत खतरनाक है. ये सोचकर लोगों की रूह कांप रही है कि तालिबान अब पूरे पाकिस्तान की नस्ल बिगाड़ने में जुटा है. वह बच्चों को नेक इंसान नहीं, बल्कि हैवान बना देना चाहता है.

अफ़गानिस्तान से लौटने के बाद तालिबान ने पाकिस्तान में जिस स्वात घाटी को अपना ठिकाना बनाया था, वो घाटी अब तालिबान की फैक्ट्री में तब्दील हो चुकी है. इस फैक्ट्री में तालिबान बना रहा है मानव बम. पाकिस्तान के हालात से वाकिफ़ लोगों ने भी अब मान लिया है कि जिस स्वात घाटी को पाकिस्तान की जन्नत कहा जाता था, उस खूबसूरत वादी को तालिबान ने अब खौफनाक जहन्नुम बना डाला है.

ए फॉर अल्लाह के साथ-साथ बी फॉर बम की तालीम देने वाले तालिबानी मदरसों को स्वात और आस-पास के इलाकों में ऐसे नौजवानों की फौज मिल गई है, जो तालिबान के एक इशारे पर मरने-मारने के लिए तैयार बैठे हैं. नाम जेहाद का है, लेकिन तालिबान के ये आत्मघाती आतंकवादी बिकने के लिए भी तैयार हैं. वह किसी वीआईपी की हत्या की सुपारी भी लेने लगे हैं और किसी आतंकवादी संगठन के लिए भाड़े पर धमाका करने का ठेका भी.

तालिबान की फैक्ट्री में तैयार मानव बम पाकिस्तान के लिए मुसीबत हैं, तो हिंदुस्तान के लिए बहुत बड़ा ख़तरा है. जानकार मानते हैं कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और अल क़ायदा का पाकिस्तानी तालिबान से गहरा नाता है. इसलिए ज़रूरत पड़ने पर तालिबान के आत्मघाती आतंकवादी हिंदुस्तान पर हमले में इस्तेमाल किए जा सकते हैं. वैसे भी तालिबान ने खुलेआम धमकी दे रखी है कि उसके मानव बम हिंदुस्तान पर हमला करने के लिए तैयार हैं.

{mospagebreak}तालिबान के नापाक आतंकी मंसूबों को अंजाम देते हैं उसके जेहादी लड़ाके जो तालिबान की सबसे बड़ी ताकत हैं. ये जेहादी लड़ाके अपने आका के फरमान पर कुछ भी कर सकते हैं. जान ले भी सकते हैं तो जान दे भी सकते हैं.

जेहादियों या आतंकियों को चार हिस्सों में ट्रेनिंग दी जाती है. ये चारों चरण बेहद खतरनाक होतें हैं. पहला हिस्से की मियाद तीन महीने की होती है. इस दौरान 16 से 21 साल की उम्र के रंगरूटों को शारीरिक और मानसिक तौर पर तैयार किया जाता है. इस बीच लड़ाकों को शादी करने की इजाजत नहीं होती. इस ट्रेनिंग के लिये ये भी जरूरी है कि चुने गये लड़ाकों को किसी भी तरह की बीमारी ना हो, उन्हें पढ़ना लिखना आता हो और वो जिहाद के लिये पूरी तरह तैयार हों.

यह ट्रेनिंग छह महीने लंबी होती है. इस दौरान जेहाद के लिये समर्पित लड़ाकों को हथियार चलाना सिखाया जाता है. इस ट्रेनिंग से पहले सभी लड़ाकों को अपने हाथों से वसीयतनामा तैयार कर अपने कमांडर को देना होता है.

तीसरे हिस्से की ट्रेनिंग 3 महीने तक चलती है और इसमें आतंकियों को खासतौर पर बम बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग के इसी हिस्से में आतंकियों को भारी हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है.

चौथा हिस्से का प्रशिक्षण एक हफ्ते से लेकर 10 दिन तक चलता है. इस दौरान लड़ाकों को हाथ से चलने वाले छोटे हथियारों जैसे पिस्तौल और चाकू चलाने की खास ट्रेनिंग दी जाती है.

{mospagebreak}वैसे तो इन चार दौरों से गुजरने के बाद जेहाद की ट्रेनिंग पूरी हो जाती है. इस ट्रेनिंग के दौरान ही आतंकियों के दिलो-दिमाग में मजहब के नाम पर नफरत पैदा करने का गंदा खेल भी चलता रहता हैं जो जेहादियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. इसके बाद जेहादी किसी को भी भी मारने के लिए तैयार हो जाते हैं. पर असली ट्रेनिंग तो अभी बाकी ही रहती है.

आतंकियों को तैयार किया जाता है किसी भी वक्त जान देने के लिए और वो बन जाते हैं मानव बम. इसमें खुद तो उनकी जान जाती ही है साथ ही वो अपने साथ कई जिंदगियों को हमेशा के लिए खामोश कर देते हैं. इस ट्रेनिंग के लिए बकायदा खास क्लास लगाई जाती है, जिसमें मानव बम कैसे ओर किन हालत में बनना है इस पर खास जोर दिया जाता है. इन सारी ट्रेनिंग के बाद अब सभी लड़ाके जेहादी बन जाते हैं ओर शुरु हो जाता है दुनियाभर में आतंक फैलाने का कारोबार.

इतना ही पाकिस्तान की आर्मी चीफ जनरल कयानी के हवाले से भी ख़बर है कि वे भारत से जंग करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. जनरल कयानी के बारे में कहा जाता है कि जिस वक्त कयानी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ थे, उस दौरान कयानी ने पाकिस्तान के अंदर तालिबान को जोड़ा. यही वजह थी कि पाकिस्तानी आर्मी ने पशतून बेल्ट पर अपना आपा खो दिया.

जनरल मुशर्रफ के राज में एक दौर ऐसा आया जब अमेरिका के जबाव में पाक सेना और तालिबान के रिश्तों में खटास आ गई. लेकिन जानकारों की राय में मुंबई हमलों के बाद हालात बदल रहे हैं. तालिबान और पाक सेना के बीच की दूरी दिन ब दिन घट रही है. तालिबान के भड़का बयान भी यही इशारा कर रहे हैं.

मुंबई हमले के बाद भारत ने अमूमन हर लहजे में पाकिस्तान को और दुनिया को बता दिया है आतंकवाद भारत को बर्दाश्त नहीं और दुनिया को भी आतंक के खिलाफ एकजुट होना ही होगा लेकिन ये असर कबतक दिखाएगा,ये देखने का बेसब्री से इंतजार है.

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