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जम्मू-कश्मीर में NC और PDP दोनों से कर रहे हैं बात: BJP

जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बीच बीजेपी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में स्थिति साफ हो रही है और पार्टी की पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों से बात चल रही है. बीजेपी ने कहा कि वह अब भी वहां सरकार बनाना चाहती है.

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जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बीच बीजेपी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में स्थिति साफ हो रही है और पार्टी की पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों से बात चल रही है. बीजेपी ने कहा कि वह अब भी वहां सरकार बनाना चाहती है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने खुद कहा कि उनकी पार्टी कश्मीर में NC और PDP से बातचीत कर रही है और आगे जो भी तय होगा वह मीडिया को समय आने पर बता दिया जाएगा.

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BJP ने कहा कि संविधान द्वारा नियत समय सीमा और उमर अब्दुल्ला द्वारा कार्यवाहक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी और न संभालने की इच्छा जताए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा दिया गया. केन्द्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने इस बारे में राय पूछे जाने पर कहा, जम्मू कश्मीर में स्थिति साफ हो रही है, लेकिन इस सिलसिले में वह बिना विचार किए कोई टिप्पणी नहीं कर सकते.

राज्यपाल शासन लगाए जाने के बारे में प्रसाद ने कहा, समय की संवैधानिक सीमा होती है (इस मामले में यह 19 जनवरी तक है) और अब्दुल्ला कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने को लेकर अनिच्छुक थे. उन्होंने कहा कि, ये व्यावहारिक मुद्दे हैं जिन्हें ध्यान में रखना होगा क्योंकि स्थिर सरकार को लेकर स्थिति स्पष्ट होना बाकी है. हैदराबाद में आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, हमारी दो पार्टियों (नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी) से कश्मीर में बातचीत चल रही है. जब भी कोई घटनाक्रम होगा, हम आपको बता देंगे. हम राज्य में बीजेपी सरकार गठित करने का प्रयास कर रहे हैं.

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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां कहा कि बीजेपी जम्मू कश्मीर में स्थिर सरकार चाहती है तथा उसके लिए बातचीत चल रही है. इस बीच, बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पार्टियों को इस प्रकार का जनादेश मिला है कि अभी तक कोई सरकार नहीं बना पाई है. उन्होंने कहा, लोकतांत्रिक रूप से बातचीत चल रही है. इस प्रकार के परिदृश्य में यह देखना होगा कि जम्मू-कश्मीर में शासन प्रभावित नहीं हो और वैधानिक कदम उठाए जाएं. जम्मू-कश्मीर की 87 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 23 दिसंबर को आए परिणामों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और उमर अब्दुल्ला ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री के पद से उन्हें मुक्त करने का अनुरोध किया जिसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया गया. जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया है.

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