अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है. समारोह के लिए भगवान राम की 51 इंच ऊंची कृष्ण शिला (श्याम वर्ण) की मूर्ति का चुनाव किया गया है. श्याम वर्ण (गहरे रंग) में देदीप्यमान मूर्ति को दिव्यता, राजत्व और एक बच्चे की शुद्ध मासूमियत का प्रतीक माना जाता है.
यगोपवीत संस्कार से पहले भगवान राम की मूर्ति सभी को दिखाई जाएगी. सावधानीपूर्वक तैयार की गई मूर्ति को गर्भ गृह के भीतर कमल के आकार के मंच पर रखा जाएगा. राम मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि पुरानी रामलला की मूर्ति को नई मूर्ति से पहले रखा जाएगा और इसे 'उत्सव राम' कहा जाएगा. 16 जनवरी के बाद दोनों मूर्तियां नए राम मंदिर में स्थापित की जाएंगी. भगवान राम की मूर्ति का नेत्र आवरण 22 जनवरी को पीएम मोदी खोलेंगे. इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राम भक्तों को संबोधित करेंगे.
नृपेंद्र मिश्रा ने आजतक से बातचीत में कहा कि राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू होने वाले है. भक्त 22 जनवरी को भगवान राम की वापसी देखेंगे'. आज तक से एक्सक्लूसिव बातचीत में राम मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि अयोध्या में तीन मंजिला मंदिर का निर्माण इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. यह पूछे जाने पर कि अभिषेक के दिन भक्त क्या होगा, मिश्रा ने कहा भक्त भगवान राम की वापसी को एक अलग रूप में देखेंगे.
फिलहाल, मिश्रा इस परियोजना को चुनौतियों के साथ लगभग 95 प्रतिशत सफल मानते हैं. मिश्रा ने कहा, 22 जनवरी को लगभग 6,000 से 8,000 मेहमान पूर्वी प्रवेश द्वार से प्रवेश करेंगे और छह मूर्तियों को देखेंगे. नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि पुरानी रामलला की मूर्ति को नई मूर्ति से पहले रखा जाएगा और इसे 'उत्सव राम' कहा जाएगा. 16 जनवरी के बाद दोनों मूर्तियां नए राम मंदिर में स्थापित की जाएंगी. इसके अतिरिक्त, भगवान राम की मूर्ति का नेत्र आवरण 22 जनवरी को पीएम मोदी द्वारा खोला जाएगा. 22 जनवरी को, प्राण-प्रतिष्ठा से पहले, पीएम मोदी ने इस अवसर पर श्रद्धा रखते हुए सभी धार्मिक प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं का पालन करने की प्रतिबद्धता जताई है. वहीं, पीएम मोदी ही भगवान राम का नेत्रपट खोलेंगे.