तमिलनाडु में उठे राजनीतिक बवंडर पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद और पूर्व तमिलनाडु अध्यक्ष इला गणेशन का कहना है कि राज्यपाल इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं. वहीं डीएके नेता तिरुचि शिवा ने कहा कि इस सबके चलते सरकार की दुर्गति हो रही है. दोनों नेताओं ने यह बातें आजतक से हुई बातचीत के दौरान कहीं.
तमिलनाडु में चल रहे बवाल पर मोदी और बीजेपी का नाम आने के मुद्दे पर गणेशन ने कहा, "यह क्या है, प्रधानमंत्री कहां से आ गए बीच में? यह तो घर का झगड़ा चल रहा है. पन्नीरसेल्वम दो बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं, अब आपस में झगड़ रहे हैं, पीएम का रोल कहां है? पीएम के हाथ में कुछ नहीं है राज्यपाल के हाथ में है. वे सोच रहे हैं, उनको फैसला लेने दीजिए और बताने दीजिए."
जलीकट्टू के मुद्दे पर अन्नाद्रमुक के सांसद क्यों मिलना चाहते थे प्रधानमंत्री से?
गणेशन ने कहा, "जब मुख्यमंत्री हैं और वह मिल रहे हैं तो प्रधानमंत्री से सांसदों को मिलने की क्या जरूरत है. देखें इसमें सियासत नहीं होनी चाहिए जो काम तमिलनाडु ने चाहा था वह काम केन्द्र ने किया. प्रधानमंत्री को दोष मत दीजिए प्रधानमंत्री ने सब कुछ तमिलनाडु के लिए अच्छा किया."
सरकार की दुर्गति हो रखी है: डीएमके नेता डीएमके तिरुचि शिवा
तमिलनाडु में जारी राजनीतिक लड़ाई पर डीएमके नेता ने कहा, "हमारे नेता एम के स्टालिन ने पहले ही अपनी बात कही है, मुख्यमंत्री को जबरदस्ती इस्तीफा देने को कहा गया. अब आप आम आदमी का सोचिए, सरकार चल नहीं रही है. राज्यपाल को देखना चाहिए कि संविधान बना रहे, सरकार की दुर्गति हो रखी है. राज्यपाल को अपनी भूमिका निभानी चाहिए, जो भी कानून और कायदे के तहत प्रक्रिया है वह राज्यपाल को पूरी करनी चाहिए."
यह है ताजा हाल
तमिलनाडु में बगावत पर उतारू सत्ताधारी AIADMK के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरलेवम ने 50 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया है. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी महासचिव पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की अस्पताल में हुई मौत पर सवाल उठाया और कहा कि वह इसकी जांच के लिए की आयोग बिठाने की सिफारिश करेंगे. वहीं AIADMK में टूट के पन्नीरसेल्वम के इस दावे के बाद पार्टी की महासचिव शशिकला ने विधायकों की बैठक बुलाई हैं. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के लिए पार्टी मुख्यालय में 130 विधायक मौजूद हैं. इससे पहले मंगलवार देर रात उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर से निष्कासित कर दिया गया है. इससे पहले उन्हें पार्टी के कोषाध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया था.
राज्यपाल के सामने कोई संवैधानिक दुविधा नहीं: हंसराज भारद्वाज
केरल और कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने तमिलनाडु मामले पर कहा कि राज्यपाल के सामने कोई संवैधानिक दुविधा नहीं है. सबसे बड़ा दल जिसे तय कर ले उसी को दिलानी होती है शपथ. एआईएडीएमके जिसे विधायकों के समर्थन की चिट्ठी दे दे उसे ही शपथ दिलानी होगी. दुविधा पार्टी में हो सकती है. राज्यपाल और संविधान में कोई दुविधा नहीं. इस्तीफा देने के बाद किसी दलील से राज्यपाल को कोई लेना-देना नहीं. राज्यपाल को एआईएडीएमके से बात करनी चाहिए. उन्हें समन करना चाहिए.