बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बोरवेल की जमीन को ड्रिल किया जा रहा है. बच्चा शुक्रवार शाम लगभग 5:30 बजे बोरवेल में गिर गया था और 30 फुट की गहराई में जाकर अटक गया. इसके बाद रात में वह और नीचे सरकते हुए लगभग 100 फुट की गहराई में जाकर फंस गया.
उपमुख्यमंत्री OPS की भी नजर
तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम (OPS) पूरे बचाव अभियान पर लगातार नजर बचाए हुए हैं. मदुरै फायर की टीम और रेस्क्यू ऑपरेशन से कई और लोग घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं. बचाव अभियान की कई कोशिश अब तक नाकाम हो चुकी है.
गहरे कुएं के पास एक नया गड्ढा खोदा गया है. घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार, ओएनजीसी के रिग मशीन को भी बुलाया गया था, लेकिन पत्थर होने के कारण यह मशीन कारगर साबित नहीं हुआ.
रेस्क्यू के लिए हाई स्पीड इंजन
बच्चे को बचाने के अभियान के तहत ड्रिल के लिए एक दूसरी हाई स्पीड इंजन मंगाई गई है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर, राजस्व मंत्री आरबी उदय कुमार, और राजस्व विभाग के कमिश्नर जे राधाकृष्णन भी घटनास्थल पर मौजूद हैं और वे बच्चे को सकुशल बाहर निकालने की टीम की हरसंभव कोशिश में लगे हुए हैं.
सुजीत विल्सन नाम का 2 साल का बच्चा शाम साढ़े 5 बजे बोरवेल में उस समय गिर गया जब वह वहां खेल रहा था. इस दौरान वह स्लिप कर गया और बोरवेल में 100 फुट गहरे गड्ढे में गिरता चला गया.
बचाव अभियान में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की 6-6 टीमें लगी हुई हैं.