रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई का खामियाजा दुर्गा शक्ति नागपाल के बाद अब तमिलनाडु के एक आईएएस अधिकारी को भी भुगतना पड़ा है. टुटीकोरिन के जिला कलेक्टर आशीष कुमार ने इलाके के रेत माफिया के खिलाफ छापे का आदेश दिया था. इसके कुछ ही घंटे बाद उनका तबादला कर दिया गया.
आशीष 2005 के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें अब सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट एंड न्यूट्रीशियस मील प्रोग्राम में डिप्टी सेक्रेटरी जैसा प्रभावहीन पद दे दिया गया है.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, आशीष ने बताया कि उन्हें मंगलवार शाम को तबादले के आदेश मिल गए. इससे कुछ ही देर पहले 6 बजे खनिज के एक्सपोर्ट का धंधा करने वाले वी वैकुंदराजन के यहां छापा मारा गया था. इस छापे में बड़े स्तर पर गड़बड़ी पाई गई थी.
आशीष ने कहा, 'मैंने तबादला आदेश स्वीकार कर लिया है. मैं ऐसा करने के लिए बाध्य हूं.' हालांकि उन्होंने तबादले और खनन माफिया के खिलाफ उनके छापे के बीच संबंध से इंकार किया, लेकिन तबादले की टाइमिंग से इसे लेकर किसी के मन में कोई संशय नहीं बचा है.
आशीष ने बताया कि छापे के दौरान पाया गया कि बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा था. खनन कंपनी को समुद्र किनारे सिर्फ 4 हेक्टेयर की जमीन से लीज पर रेत लेने की इजाजत थी, लेकिन वे 20 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर अवैध खनन कर रहे थे.
आशीष ने दो साल पहले टुटीकोरिन में कलेक्टर का पद संभाला था. तीन महीने पहले भी उन्होंने एक अन्य कंपनी के अवैध खनन के खिलाफ छापेमारी की थी.
तमिलनाडु के समुद्र किनारों पर अवैध रेत खनन काफी समय से जारी है. कोर्ट स्थानीय प्रशासन को मामले पर सख्ती बरतने का आदेश सुना चुका है. लेकिन दबंग रेत माफिया बदस्तूर अवैध खनन के काम में लगा हुआ है. इससे जलस्तर गिरने और उपजाऊ जमीन घटने जैसे गंभीर दुष्परिणाम सामने आए हैं.