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हार्ट अटैक के बाद ECMO पर जयललिता, जानिए जिंदगी बचाने वाली इस प्रक्रिया के बारे में

करीब ढाई महीने से अस्पताल में भर्ती तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की हालत गंभीर बनी हुई है. रविवार देर शाम जयललिता को दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है. स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम मुख्यमंत्री के इलाज में जुटी है और उनकी तबीयत पर नजर बनाए हुए है.

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अपोलो हॉस्पिटल
अपोलो हॉस्पिटल

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करीब ढाई महीने से अस्पताल में भर्ती तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की हालत गंभीर बनी हुई है. रविवार देर शाम जयललिता को दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है. स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम मुख्यमंत्री के इलाज में जुटी है और उनकी तबीयत पर नजर बनाए हुए है.

जयललिता की तबीयत अचानक फिर से खराब होने के बाद चेन्नई के अपोलो अस्पताल की तरफ से बयान जारी किया गया कि मुख्यमंत्री को ईसीएमओ पर रखा गया है. जानते हैं कि आखिर ये ईसीएमओ क्या है?

1. ईसीएमओ का मतलब होता है एक्स्ट्रा कॉरपोरल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन. यह हार्ट असिस्ट डिवाइस है.

2. यह ऐसी मेडिकल प्रक्रिया है जिसे मरीज के शरीर के बाहर से ही अपनाई जाती है. यानी इसमें ऑपरेशन जैसी कोई चीज नहीं होती है.

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3. मरीज को इसकी जरूरत तब पड़ती है जब उसके हार्ट और फेफड़े उतनी मात्रा में ऑक्सीजन पैदा नहीं कर पाते जिससे मरीज जिंदा रह सके.

4. ईसीएमओ की प्रक्रिया तभी शुरू करनी होती है जब हार्ट या फेफड़े काम करना बंद करने लगते हैं और जिन्हें किसी और तरीके से संभालना मुश्कि‍ल हो.

5. इस प्रक्रिया में हार्ट असिस्ट डिवाइस मरीज के शरीर से ब्लड को निकालता है, खून में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को खत्म करता है और लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन पंप करता है जिससे जीवनदायी रक्त मरीज के शरीर में पहुंचे और वह जिंदा रह सके.

6. यह खून मरीज के शरीर में सीधे तौर पर पंप किया जाता है जिससे शरीर एनर्जी पहुंचे क्योंकि हार्ट और फेफड़े ब्लड पंप करने का काम नहीं कर पाते जिससे आदमी जिंदा रहता है.

7. श्वसन तंत्र के काम नहीं करने पर मरीज को ईसीएमओ पर रखने के बाद उसके बचने की काफी संभावना होती है. एक अध्ययन के मुताबिक ऐसी स्थ‍िति में 50 से 70 फीसदी मरीज बच जाते हैं.

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