तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने सोमवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह बैलों पर काबू पाने के परंपरागत खेल जलीकट्टू के आयोजन के लिए एक अध्यादेश लाए ताकि पोंगल त्योहार के अवसर पर इसका आयोजन सुनिश्चित हो सके.
पन्नीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सिलसिले में एक पत्र लिखा है जिसे यहां मीडिया के लिए जारी किया गया. इसमें मुख्यमंत्री ने कहा है कि जलीकट्टू पोंगल महोत्सव का एक अभिन्न हिस्सा है और यह त्योहार तमिलनाडु की जनता के लिए बहुत महत्व रखता है.
उन्होंने कहा कि मामले के महत्व पर विचार करते हुए केंद्र सरकार को वर्ष 2017 में जल्लीकट्टु के आयोजन कराने में कानूनी बाधाओं को दूर करने के लिए एक अध्यादेश लाने पर विचार करना चाहिए. जलीकट्टू में बैल पर कूदकर चढ़ने वाले से अपेक्षा की जाती है कि वह उसके कूबड़ पर लटककर एक खास दूरी तक जाए या सांड कम से कम तीन बार कूदे.
सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2014 के मई में तमिलनाडु में जलीकट्टू के आयोजन पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने यह भी कहा था कि तमिलनाडु, महाराष्ट्र या देश में कहीं भी बैलों को जलीकट्टू में एक प्रदर्शन करने वाले पशु के रूप में या बैलगाड़ी दौड़ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है, 'पूरे तमिलनाडु में जलीकट्टू के आयोजन से जुड़ी जनमानस की भावनाओं और पूरे तमिलनाडु में जल्लीकट्टु के आयोजन के लिए समर्थन को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को हर हाल में जितनी जल्द हो सके, काम करना चाहिए'.
पोंगल पर्व में सूर्य, वर्षा और खेती में काम आने वाले जानवरों को धन्यवाद दिया जाता है, इसे 14 जनवरी को मनाया जाएगा.