तमिलनाडु के एक अस्पताल में एन कुमारेशन नाम के एक ऑटो चालक की शनिवार रात मौत हो गई. परिजनों ने कुमारेशन की मौत के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए बर्बर पिटाई का आरोप लगाया है. उसके शरीर पर चोट के कई निशान मिले हैं और अस्पताल की रिपोर्ट भी यह बताती है कि उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी.
जानकारी के मुताबिक पेशे से ऑटो चालक एन कुमारसेन को थाने बुलाया गया था. परिजनों का आरोप है कि वहां वीके पुडुर थाने की पुलिस ने उसकी बर्बर पिटाई की. घायल कुमारेसन को उपचार के लिए सुरंदई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उसे थिरुवेलनेली सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया गया था. उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
तूतीकोरिन केस: डॉक्टर की रिपोर्ट में संकेत, पिता-पुत्र को दी गईं शारीरिक यातनाएं
कुमारेसन के परिजनों ने वीके पुडुर थाने की पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है. कुमारेसन के पिता ए नवनीतकृष्णन ने आजतक से बात करते हुए कहा कि शनिवार देर शाम 8 बजे निधन की खबर मिली. हम उसी समय जाना चाहते थे, लेकिन हमें घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी शाम 7 बजे से 1 बजे तक रोते-रोते कई बार बेहोश हुई, तब हमें जाने दिया गया.
उन्होंने पुलिस पर बर्बर पिटाई का आरोप लगाते हुए कहा कि कुमारेसन से बस स्टैंड पर भी मारपीट की गई थी. कुमारेसन ने एक पुलिस अधिकारी से कहा था कि हम ऑटो चालक भी खाकी पहनते हैं. इसके बाद पुलिस उसका सेलफोन ले गई. अगले दिन वह अपना फोन लेने थाने गया था, जहां उसकी पिटाई की गई. मृतक ऑटो चालक के पिता ने कहा कि उसका कोरोना टेस्ट भी कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.
ये मामला भी चर्चा में
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस की बर्बरता के कारण एक पिता और उसके बेटे की मौत का मामला भी चर्चा में बना हुआ है. पुलिस हिरासत में पिता और बेटे की मौत की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. इस मामले में डॉक्टर की रिपोर्ट में दर्ज टिप्पणियां इस बात की ओर संकेत करती हैं कि दोनों को काफी शारीरिक यातनाएं दी गईं थी.
तूतीकोरिन में हिरासत में जयराज (59) और उनके बेटे बेनीक्स (31) की मौत मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है. जयराज की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनके पति और बेटे को अपमानित किया गया और उन्हें यातनाएं दी गईं, जिससे उनकी मौत हो गई.
कोविलपट्टी उप-जेल अस्पताल से प्राप्त रिकॉर्ड से पता चलता है कि जयराज और उनके बेटे बेनीक्स के ग्लूटियल भाग पर कई निशान थे. बेनीक्स के मामले में अस्पताल के रिकॉर्ड से पता चला कि उसके घुटने के कप दबाए गए थे. वहीं रिकॉर्ड के मुताबिक जयराज मधुमेह से पीड़ित थे. डॉक्टर की रिपोर्ट में दर्ज ये टिप्पणियां यातनाएं दिए जाने का संकेत देती हैं.
पिता-पुत्र दोनों को 19 जून को लॉकडाउन के दौरान अपनी मोबाइल एसेसरीज की दुकान को खुला रखने के कारण सथानकुलम पुलिस इन्हें पूछताछ के लिए ले गई थी. हिरासत में रहने के दौरान पुलिस ने उनके साथ क्रूरता की, जिससे उनकी मौत हो गई थी. बेटा बीमार हो गया और 22 जून को कोविलपट्टी जनरल अस्पताल में उसकी मौत हो गई. उसके पिता की मृत्यु 23 जून की सुबह हुई थी.