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तूतीकोरिन मामले पर कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछे ये 11 सवाल

सिंघवी ने कहा कि तूतीकोरिन की घटना ने देश पर धब्बा लगाया है. प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाने वालों को मौत के घाट उतारा गया है. ये केंद्र सरकार, राज्य सरकार और कंपनी की मिलीभगत और पुलिस की बर्बरता का उदाहरण है. मोदी सरकार लोगों से इस पर माफी मांगे.

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कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी

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तूतीकोरिन गोलीकांड पर सियासत तेज हो गई है. अब तक प्रदर्शन में 13 मौतें हो चुकीं है. इस बीच कांग्रेस ने मोदी सरकार से तूतीकोरिन पर 11 सवाल पूछे हैं. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तूतीकोरिन पर सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए.

सिंघवी ने कहा कि तूतीकोरिन की घटना ने देश पर धब्बा लगाया है. प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाने वालों को मौत के घाट उतारा गया है. ये केंद्र सरकार, राज्य सरकार और कंपनी की मिलीभगत और पुलिस की बर्बरता का उदाहरण है. मोदी सरकार लोगों से इस पर माफी मांगे.

ये हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कांग्रेस के 11 सवाल :-

1. मुखर और प्रखर प्रधानमंत्री तूतीकोरिन मामले पर अब तक चुप्पी क्यों साधे बैठे हैं?

2. प्रधानमंत्री ट्विटर पर मुखर रहते हैं, फिटनेस पर उत्तर देते हैं, लेकिन किसान और महिला सुरक्षा पर चुप रहते हैं. उसी तरह इस मुद्दे पर भी चुप हैं. सिंघवी ने कहा कि यह ट्रेडमिल जैसी सरकार है जो भाग तो है, लेकिन कहीं पहुंच नहीं रही है.

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3. नियम को क्यों बदला गया. 2013 में यूपीए ने कानून बदला था कि जनता से बातचीत सरकार की अनुमति में निहित है. लेकिन दिसम्बर 2014 में एनडीए सरकार ने कानून बदल दिया. इसमें लोगों से बातचीत को हटा दिया गया. ये नहीं बताया गया कि नियम क्यों बदले गए?

4. 11 लोगों की मौत के बावजूद अब तक एक भी व्यक्ति निलंबित नहीं किया गया. तबादले हुए हैं, लेकिन किसी को भी निलंबित क्यों नहीं किया गया?

5. तूतीकोरिन गोलीकांड में न्यायिक जांच का एलान तो हुआ है, लेकिन इस जांच की समय-सीमा नहीं बताई गई है. क्यों?

6. महाराष्ट्र ने इस प्रोजेक्ट को हटा दिया, फिर इसे तमिलनाडु में लाया गया. प्रोजेक्ट को तमिलनाडु में स्थानांतरित करने की किसने अनुमति दी.

7. प्रोजेक्ट को मन्नार की खाड़ी से 25 किलोमीटर दूर होना चाहिए था. लेकिन इसका उल्लंघन हुआ. कैसे?

8. मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने अब तक मौके का दौरा क्यों नहीं किया?

9. प्रधानमंत्री बताएं कि क्या मुख्यमंत्री को पद से नहीं हटाना चाहिए? क्या प्रधानमंत्री को लगता है कि मुख्यमंत्री अपने पद पर बने रहने के लिए 'फिट' हैं?

10. वह क्षेत्र आतंकवाद से प्रभावित नहीं है. ऐसे में वहां गोली चलाने से पहले किसी विकल्प का प्रयोग क्यों नहीं किया गया?  फायरिंग का आदेश किसने दिया और क्यों?

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11. 100 दिनों से आंदोलन चल रहा था. घटना वाले दिन 22 मई को उग्र आंदोलन की पूर्व चेतावनी थी. फिर प्रशासन की पहले से तैयारी क्यों नहीं थी. फिर ये क्यों होने दिया गया?

इन 11 सवालों के बाद सिंघवी ने कहा कि हम सब इन प्रश्नों का तथ्यों के आधार पर और ठोस उत्तर चाहते हैं. तमिलनाडु सरकार ने हर प्रकार से शासन करने का हक गंवा दिया है. उसने जीवन का हक छीन लिया है.

तूतीकोरिन मामले पर तमिलनाडु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन को आज पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इस मामले पर तमिलनाड के मुख्यकमंत्री ई पलानीस्वामी का कहना है कि, 'स्टाआलिन बवाल की नीयत से आए थे. वो पब्लितसिटी के लिए ड्रामा कर रहे थे.' मुख्य मंत्री ने कहा, 'स्टा.लिन का कहना है कि मैंने उनसे मुलाकात नहीं की, लेकिन वो मेरे सामने बैठे थे. अगर वो कहते कि स्टरलाइट कॉपर प्लांट को लेकर वो याचिका देना चाहते हैं तो मैं उसे जरूर से लेता. लेकिन वो ड्रामा कर रहे थे.'

मुख्यकमंत्री ई पलानीस्वामी ने कहा, 'जयललिता ने पहले ही कॉपर प्लांमट की बिजली काटवा दी थी. लेकिन ये फैसला एनजीटी के द्वारा बदल दिया गया. इसके बाद 2013 में एनजीटी के फैलसे के खिलाफ जयललिता सुप्रीम कोर्ट गई थीं. जहां ये मामला अभी भी विचाराधीन है.'

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