तहलका पत्रिका के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल पर सोमवार को गोवा पुलिस ने पिछले साल नवंबर में यहां के एक पांच सितारा होटल की लिफ्ट में एक महिला पत्रकार के साथ बलात्कार, यौन उत्पीड़न और उसकी मर्यादा भंग करने का आरोप लगाया. इन आरोपों में दोषी पाए जाने पर तेजपाल को सात साल से अधिक की सजा हो सकती है.
जांच अधिकारी सुनीता सावंत ने तेजपाल पर धारा 354, 354-ए (यौन उत्पीड़न), 341 और 342 (गलत तरीके से रोकना), 376 (बलात्कार), 376 (2) (एफ) और 376 (2) (के) (अपने आधिकारिक पद का लाभ उठाना और अपने संरक्षण में महिला के साथ बलात्कार करना) के तहत आरोप लगाए) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुजा प्रभुदेसाई के समक्ष दाखिल 2,684 पृष्ठों के आरोप पत्र में पीड़ित, तहलका पत्रिका के कर्मचारियों और मामले के जांच अधिकारी सहित 152 गवाहों के बयान हैं. आरोप पत्र में कहा गया है कि यह साबित करने के लिये रिकॉर्ड में पर्याप्त बयान हैं कि तेजपाल ने बलात्कार, यौन उत्पीड़न और पीडि़त की मर्यादा भंग करने की बात स्वीकार की.
जांच अधिकारी ने कहा है कि तेजपाल की माफी वाले ईमेल हैं, पीड़ित से बलात्कार, यौन उत्पीड़न तथा उसकी मर्यादा भंग करने के बारे में ईमेल पत्र हैं जो उनके कहने पर पुन: खोजे गए. बताया जाता है कि पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा कि तेजपाल ने गत सात नवंबर को उसका यौन उत्पीड़न किया और 8 नवंबर को इसे पुन: दोहराया.
जमानत के दौरान कोर्ट में मौजूद रहेंगे तेजपाल
बंबई हाई कोर्ट की गोवा बेंच ने तरुण तेजपाल को अपनी जमानत अर्जी के लिए कोर्ट में पेश होने की छूट दी है. तेजपाल ने कोर्ट से आग्रह किया था कि जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान उन्हें कोर्ट में पेश होने की अनुमति दी जाये. कोर्ट ने क्राइम ब्रांच से इस बाबत सोमवार तक जवाब देने को कहा है. गोवा क्राइम ब्रांच ने तेजपाल के आवेदन का विरोध किया था. अब कोर्ट के आदेश के बाद तेजपाल मंगलवार को होने वाली जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहेंगे. तेजपाल फिलहाल 24 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में हैं.
गोवा पुलिस ने आरोपपत्र में दावा किया कि रिकॉर्ड में यह बताने के लिए दस्तावेजों और बयानों के तौर पर पर्याप्त सबूत हैं कि तेजपाल अपराध करने के बाद पुलिस से बच रहे थे. 50 वर्षीय तेजपाल को पिछले साल 30 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह यहां से करीब 40 किमी दूर वास्को में एक उप जेल में बंद हैं.