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रोजगार देने पर ही मिलेगी कर रियायत: ओबामा

आउटसोर्सिंग के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि कर रियायतें सिर्फ उन कंपनियों को मिलेंगी, जो देश में नौकरियों का सृजन करेंगी. अमेरिका के इस कदम की सबसे ज्यादा मार भारतीय आईटी कंपनियों पर पड़ने की संभावना है.

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आउटसोर्सिंग के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि कर रियायतें सिर्फ उन कंपनियों को मिलेंगी, जो देश में नौकरियों का सृजन करेंगी. अमेरिका के इस कदम की सबसे ज्यादा मार भारतीय आईटी कंपनियों पर पड़ने की संभावना है.

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ओबामा ने कहा, ‘हमारा मानना है कि कर रियायतें सिर्फ उन कंपनियों को मिलनी चाहिए, जो अमेरिका में नौकरियां पैदा करें. इसलिए हमने ऐसा करना शुरू कर दिया है.’

अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय आया है जब ओहियो राज्य के गवर्नर ने आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है.

ओबामा ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था फिर से आगे बढ़ने लगी है, पर इसके सुधार की गति काफी कष्ट देने वाली है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की उनकी रणनीति देश को सही दिशा में ले जा रही है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका को एशियाई राष्‍ट्रों के साथ प्रतिस्पर्धी बने रहना होगा. आर्थिक मंदी के दौर में अमेरिका में 80 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं.

ओबामा ने बताया कि जिस समय वह राष्ट्रपति बने थे 40 लाख लोग अपनी नौकरी गंवा चुके थे. मंदी के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर 80 लाख पर पहुंच गया.

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आउटसोर्सिंग के खिलाफ ओबामा के इस अभियान से यह संकेत मिलने लगे हैं कि नवंबर में होने वाले चुनाव से पहले यह मुद्दा काफी गरमा जाएगा. भारत के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध का कड़ा विरोध किया है.

भारत के आईटी क्षेत्र की कुल निर्यात आय में से 60 फीसद अमेरिका से हासिल होती है. ओबामा की नवंबर में भारत यात्रा के दौरान एच-1 बी और एल 1 वीजा शुल्क में बढ़ोतरी का मुद्दा उठने की उम्मीद है. इस सप्ताह में यह दूसरा मौका है जब ओबामा ने आउटसोर्सिंग के खिलाफ बोला है.

इससे पहले बुधवार को क्लीवलैंड, ओहियो में ओबामा ने एक बार फिर से अपनी इस मंशा को साफ कर दिया था कि उन कंपनियों को बढ़ावा दिया जाएगा, जो अमेरिका में निवेश करेंगी और रोजगार के नए अवसरों का सृजन करेंगी.

उन्होंने कहा था कि नौकरियों के सृजन के लिए जरूरी है कि कंपनियों को अमेरिका में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाए. उस समय ओबामा ने कहा था कि हमारी कर संहिता ने कर रियायतों के रूप में अरबों डालर उन कंपनियों को दिए हैं जो अन्य देशों में नौकरियों का सृजन करती हैं और मुनाफा कमाती हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि वह इसे बदलने को प्रतिबद्ध हैं.

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