केंद्र सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया तो विपक्षी दल नाराज हुए ही, एनडीए के कुछ सहयोगियों को भी पीएम मोदी का यह कदम रास नहीं आ रहा है. इस कड़ी में नया नाम आया है आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू का. नायडू का कहना है कि उन्हें इस बात को लेकर चिंता हो रही है कि नोटबंदी के बाद हो रही दिक्कतों का फिलहाल अंत होता नहीं दिख रहा है.
बीजेपी की सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी यानी टीडीपी के नेता ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का सबसे पहले समर्थन करने वाले गैर-बीजेपी नेता थे. लेकिन अब उनका सब्र भी टूटता दिख रहा है. नायडू ने कहा है कि नोटबंदी के 40 दिन बाद भी केंद्र सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद अब भी कई समस्याएं सामने आ रही हैं और इनका समाधान भी दिखाई नहीं दे रहा है.
नायडू ने आरबीआई को सलाह दी है कि वो हर दिन 4000 करोड़ रुपये छाप सकता है. उन्होंने साथ ही कहा कि डिजिटल पेमेंट को लेकर तमाम तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं और देश को पूरी तरह कैशलेस होने के लिए जरूरी इंफ्रास्टक्चर नहीं है. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि नोटंबदी के ऐलान के अगले दिन ही यानी 9 नवंबर को टीडीपी ने दावा किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में नायडू की यह जीत है. यही नहीं नायडू उस 13 सदस्यीय पैनल के अध्यक्ष भी हैं जिसे केंद्र सरकार ने नोटबंदी के मसले पर नजर रखने के लिए बनाया है.
पंजाब में बीजेपी की सहयोगी अकाली दल ने भी हाल में ही नोटबंदी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. पार्टी का कहना है कि नोटबंदी के चलते जनता को दिक्कत हो रही है और केंद्र सरकार को हालात को जल्द से जल्द काबू में करने की जरूरत है.
नोटबंदी के ऐलान के बाद बीजेपी को लगा कि जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं वहां उसे फायदा होगा. लेकिन सहयोगी दलों की ओर से ऐसे संकेत अच्छे नहीं हैं. अकाली दल को लगता है कि इससे पंजाब में गठबंधन की सत्ता में वापसी की उम्मीदों पर विपरीत असर पड़ेगा.
अकाली दल की इन आशंकाओं से केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी पर कितना असर पड़ेगा यह देखने वाली बात है. क्योंकि हाल में नोटबंदी के ऐलान के बाद महाराष्ट्र में हुए निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी को फायदा हो रहा है. महाराष्ट्र में दोनों चरणों में बीजेपी विजेता बनकर उभरी है.
नोटबंदी से जुड़े नए-नए फरमानों और इससे हो रही दिक्कतों से न सिर्फ लोगों के बीच सरकार को लेकर नाराजगी है, बल्कि केंद्र में सहयोगी कुछ अन्य पार्टियां भी इससे खुश नजर नहीं आ रही हैं. महाराष्ट्र में ही बीजेपी की सहयोगी शिवसेना नोटबंदी के मसले पर कई बार अपनी नाराजगी जाहिर कर चुकी है. नोटबंदी के ऐलान के बाद ही शिवसेना ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने उन लोगों को धोखा दिया है जिन्होंने उन्हें सत्ता तक पहुंचाया.