सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को अभिभावक आने वाले दिनों में अपने बच्चों के साथ साथ उनके शिक्षकों के दैनिक कामकाज पर भी नजर रख सकेंगे. गुजरात से प्रेरणा लेते हुए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी एक योजना लेकर आ रही हैं, जिसके अंतर्गत अभिभावकों को हर दिन यह रिपोर्ट दी जाएगी कि उनके बच्चों को क्या पढ़ाया गया और शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचे या नहीं. यह खबर एक अंग्रेजी अखबार ने दी है. अब स्कूलों में नहीं चलेगी दादागीरी
मंत्रालय के 'सरल दर्पण' कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के कामकाज पर नजर रखी जाएगी. इसका मकसद शिक्षकों को कामचोरी से रोकना या जानबूझकर क्लास नहीं लेने की शिकायतों को दूर करना है.
इस कार्यक्रम को सबसे पहले चार राज्यों के केंद्रीय विद्यालयों में लागू किया जाएगा. मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि बीजेपी शासित राज्य महाराष्ट्र और राजस्थान में इसे सबसे पहले लागू किया जाएगा.
केंद्रीय विद्यालय बोर्ड ने इस प्रोग्राम को 1000 स्कूलों में लागू करने की सहमति दे दी है. इसके बाद योजना को सर्वोदय और नवोदय विद्यालयों में क्रियान्वन में लाया जाएगा.
प्रोग्राम के तहत, स्कूलों में बायोमैट्रिक एटेंडेंस सिस्टम लाया जाएगा ताकि शिक्षकों के कामकाज पर नजर रखी जा सके. इसके साथ स्कूल प्रशासन भी हर दिन रिपोर्ट तैयार करेगा जिसेएसएमएस के जरिए छात्रों के अभिभावकों को भेजा जाएगा.