लोकपाल को लेकर एक बार फिर जंग शुरू हो गई है. अन्ना और सरकार एक बार फिर आमने-सामने हैं. अन्ना मजबूत लोकपाल की मांग को लेकर सरकार पर निशाना साधने में लगे हैं. लेकिन सरकार अन्ना की मांगों से बौखलाई हुई है. अब तो ये तक कहा जाने लगा है कि अन्ना सुपारी लेकर आंदोलन करते हैं.
लोकपाल पर घमासान पार्ट टू का आगाज हो चुका है. सरकार के तल्ख तेवरों का उतना ही तल्ख जवाब, लेकिन अन्ना पर सरकार के साथ-साथ हमला कांग्रेस का भी हो रहा है. पिछली बार कांग्रेस ने तो मुंह बंद कर लिया था लेकिन, फिर से हमले शुरू हो गए हैं और शब्दों में वही तीखापन. अन्ना हजारे के खिलाफ मोर्चा खोला है नारायण राणे ने.
नारायण राणे ने कहा है कि अन्ना बीजेपी से सुपारी लेकर करते हैं आंदोलन. हालांकि टीम अन्ना के पास हर हमले का जवाब है. राणे के लिए जवाब ये है कि जो जैसे होते हैं, वो वैसा ही देखते हैं. लेकिन लोकपाल के लिए अन्ना से सरकार की लड़ाई यहीं खत्म नहीं हो जाती. मानो सरकार अब अन्ना से दो-दो हाथ करने को तैयार है. चेतावनी ये है कि हम जो करते हैं, करने दें.
अब अन्ना ये तो पूछेंगे ही कि जब मुकरना ही था तो वादा ही क्यों किया था. अन्ना ने आगे की रणनीति भी साफ कर दी है. अनशन तय हो चुका है. 27 तारीख से लोकपाल पर अन्ना की दूसरी लड़ाई शुरू होने वाली है.