टीम अन्ना भंग करने की अन्ना हजारे की सोमवार को घोषणा के बाद इसके सदस्यों ने चुप्पी साध रखी है. टीम अन्ना के सदस्य रहे मनीष सिसौदिया ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘अन्नाजी ने अपने ब्लॉग में सबकुछ कह दिया है. इसमें कुछ भी जोड़ने की जरूरत नहीं है. निर्णय के बारे में अधिक जानकारी केवल अन्ना बता सकते हैं.’
वहीं, किरण बेदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘अन्ना का ब्लॉग पढ़ें. इन सबका अर्थ क्या है, नहीं जानती. अन्नाजी ने हमें जहां भी निर्देश दिया, हमारे लिए वह सहायक रहा.’
इस बीच इंडिया अगेंस्ट करप्शन की मीडिया समन्वयक अस्वथी मुरलीधर ने कहा, ‘अन्नाजी ने रविवार को टीम के सदस्यों के साथ छोटी सी बैठक की थी. सभी लोगों को टीम अन्ना भंग करने के निर्णय के बारे में जानकारी दी गई थी.’
उधर, बेंगलुरू में टीम अन्ना के पूर्व सदस्य न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एन. संतोष हेगड़े ने एक समाचार चैनल से कहा कि वह टीम अन्ना को भंग करने के निर्णय से हैरान हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं राजनीतिक कदम के खिलाफ था. यदि उनका राजनीतिक पार्टी गठित करने का निर्णय है तो उन्हें समूह को समाप्त करना ही था.’
अन्ना हजारे ने सोमवार को अपने ब्लॉग पर लिखा, ‘आज हम टीम अन्ना के रूप में अपना काम समाप्त करते हैं. टीम अन्ना का गठन जन लोकपाल के लिए किया गया था. हमने सरकार के साथ कोई सम्बंध नहीं रखने का फैसला किया. टीम अन्ना के नाम पर जो काम शुरू हुआ था वह समाप्त हो गया है और टीम अन्ना कमेटी भी भंग हो गई है.’ उन्होंने कहा कि ‘लोगों को जागरूक करने के लिए’ वह देशभर का दौरा करेंगे.
टीम अन्ना ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए राजनीति की मुख्यधारा से जुड़ने की घोषणा की थी.