scorecardresearch
 

अन्‍ना को लोकपाल पर सरकार से लिखित आश्वासन की प्रतीक्षा

गांधीवादी अन्ना हजारे के अनशन को आज नौ दिन हो गए, लेकिन वह इस अनशन को खत्म करने से पहले सरकार से लोकपाल विधेयक पर लिखित आश्वासन चाहते हैं.

Advertisement
X

गांधीवादी अन्ना हजारे के अनशन को आज नौ दिन हो गए, लेकिन वह इस अनशन को खत्म करने से पहले सरकार से लोकपाल विधेयक पर लिखित आश्वासन चाहते हैं.

Advertisement

आंदोलन से जुड़े अपने अनुभव, खबरें, फोटो हमें aajtak.feedback@gmail.com

पर भेजें. हम उसे आजतक की वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे.

हजारे और उनके सहयोगी फिलहाल सरकार की ओर से लिखित आश्वासन की प्रतीक्षा में हैं. सरकार और टीम अन्ना के बीच बीती रात पहली बार बातचीत हुई. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी जिससे इस बात की उम्मीद जगी है कि उनका अनशन जल्द टूट सकता है.

हजारे की एक प्रमुख सहयोगी किरण बेदी ने कहा, ‘सरकार की ओर से जब लिखित समझौता आएगा तो अन्ना एक-एक शब्द पढ़ेंगे. वह कोई बात छोड़ने वाले नहीं हैं. आज का दिन निर्णायक है. अन्ना की सेहत और सरकार की ओर से जनलोकपाल को संसद में पेश करने एवं पारित कराने पर लिखित आश्वासन दिया जाना महत्वपूर्ण है.’

टीम अन्ना ने दावा किया कि तीन मुद्दों पर अभी सहमति नहीं बन पाई है. इनमें नागरिकों के लिए चार्टर, निचले स्तर की नौकरशाही और लोकपाल के जरिए राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति के मुद्दे शामिल हैं. इस बात के संकेत मिले हैं कि सरकार प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने पर विचार कर सकती है. कुछ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अभी सहमति नहीं बन पाई है.

Advertisement

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने टीम अन्ना से बातचीत के लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को वार्ताकार नियुक्त किया था. इसके तत्काल बाद मुखर्जी ने रात में हजारे के तीन साथियों अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और प्रशांत भूषण से मुलाकात की थी.

मुखर्जी और टीम अन्ना के बीच तीन घंटे की बातचीत के बाद हजारे के साथियों ने कहा कि उनकी ओर से सरकार को स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि जन लोकपाल विधेयक को संसद में पेश करे और पारित कराए. टीम अन्ना का कहना है कि अगर जरूरत पड़े तो संसद के मौजूदा सत्र को आगे बढ़ा दिया जाए.

Advertisement
Advertisement