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गॉल में हारी टीम इंडिया, मुरली हुए विदा

मुथैया मुरलीधरन के 800 विकेट के जादुई आंकड़े को छूकर टेस्ट क्रिकेट से विदा लेने के कारण ऐतिहासिक बने पहले मैच में श्रीलंका ने गुरुवार को भारत को 10 विकेट से करारी शिकस्त देकर तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बनायी.

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मुथैया मुरलीधरन के 800 विकेट के जादुई आंकड़े को छूकर टेस्ट क्रिकेट से विदा लेने के कारण ऐतिहासिक बने पहले मैच में श्रीलंका ने गुरुवार को भारत को 10 विकेट से करारी शिकस्त देकर तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बनायी.

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भारत के पुछल्ले बल्लेबाजों ने मुरलीधरन को 800वें विकेट के लिये लंबा इंतजार करवाया लेकिन आखिर में यह दिग्गज आफ स्पिनर प्रज्ञान ओझा को अपने चहेते क्षेत्ररक्षक महेला जयवर्धने के हाथों कैच कराकर क्रिकेट इतिहास में नया अध्याय जोड़ने में सफल रहा. श्रीलंकाई टीम ने भी मुरलीधरन को यादगार विदाई देने का अपना वादा निभाया.

मुरलीधरन के ऐतिहासिक विकेट के साथ ही भारत की दूसरी पारी 338 रन पर सिमट गयी और इस तरह से श्रीलंका को जीत के लिये 95 रन का लक्ष्य मिला. उसने 14.1 ओवर में बिना किसी नुकसान के 96 रन बनाकर जीत दर्ज की. तिलकरत्ने दिलशान ने तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए 47 गेंद पर पर नाबाद 68 रन बनाये जबकि तरंगा परानविताना 23 रन बनाकर नाबाद रहे. {mospagebreak}

दिलशान ने हरभजन को छक्का लगाकर टीम को जीत तक पहुंचाया. बहरहाल यह मैच मुरलीधरन के आखिरी टेस्ट, उनकी विलक्षण उपलब्धि और श्रीलंका की जीत के लिये याद किया जाएगा लेकिन इसमें भारत के निचले क्रम विशेषकर इशांत शर्मा के जुझारूपन को भी जरूर जिक्र होगा जिन्होंने नाबाद 31 रन बनाये और दसवें नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले ऐसे चौथे बल्लेबाज बने जिन्होंने 100 से अधिक गेंद खेली.

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भारत यदि पारी की हार से बच पाया तो इसमें वीवीएस लक्ष्मण का भी अहम योगदान रहा जिन्होंने 69 रन बनाये तथा इशांत के साथ नौवें रिपीट नौंवे विकेट के लिये 68 रन की साझेदारी की जो इस मैदान पर नया रिकार्ड है.

लक्ष्मण ने अपनी पारी नौ रन से आगे बढ़ाया. उन्हें अपना पहला मैच खेल रहे अभिमन्यु मिथुन (25) के रूप में अच्छा साथी मिला जिनके साथ उन्होंने आठवें विकेट के लिये 49 रन की साझेदारी की. मालिंगा ने मिथुन को एलबीडब्ल्यू करके तीसरी बार पारी में पांच विकेट लेने का करिश्मा दिखाया. उनके कुल विकेटों की संख्या अब 98 हो गयी है. इसके बाद इशांत ने भी लक्ष्मण के साथ मिलकर श्रीलंकाई गेंदबाजों को चैन नहीं लेने दिया. {mospagebreak}

दर्शक ही नहीं बल्कि मुरलीधरन के माता पिता, पत्नी और श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और कई पूर्व और वर्तमान खिलाड़ी भी उनके 800वें विकेट के लिये दुआ करते रहे. लंच के समय तक केवल दो विकेट बचे हुए थे. लक्ष्मण लंच के बाद दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गये. उन्होंने अपनी पारी में पांच चौके लगाये. अब मुरलीधरन के पास नया मुकाम हासिल करने के लिये आखिरी मौका था लेकिन लक्ष्मण का स्थान लेने के लिये आये ओझा और इशांत ने अगले 15 ओवर तक श्रीलंकाई गेंदबाजों को परेशान किया.

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आखिर में वह घड़ी भी आ गयी. ओझा ने उनकी गेंद को मोड़ना चाहा लेकिन वह पहली स्लिप में जयवर्धने के पास चली गयी जिन्होंने इस गेंदबाज की गेंदों में रिकार्ड 77 कैच लपके हैं. इसके साथ ही स्टेडियम में पटाखे छूटने लगे और दर्शक खुशी में नाचने लगे. मुरलीधरन को सिर्फ उन्हीं के साथियों ने नहीं बल्कि भारतीयों ने भी बधाई दी. मुरलीधरन ने अंपायर से गेंद ली और फिर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करते हुए ड्रेसिंग रूम में पहुंचे. अब उनके नाम पर 133 टेस्ट मैच में 22.72 की औसत से 800 विकेट दर्ज हैं जो दुनिया के गेंदबाजों के लिये हमेशा चुनौती बने रहेंगे.

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