प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए गोवा बेहद सौभाग्यशाली रहा है. उनके राजनीतिक जीवन के कई महत्वपूर्ण पड़ावों का ताल्लुक कहीं न कहीं इसी राज्य से है. यह सिलसिला अब तक बरकरार है. गोवा से केंद्र में कैबिनेट मंत्री
साल 2002 के गुजरात दंगों के बाद नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्री की कुर्सी गोवा में ही बीजेपी की बैठक में ही बची. उस वक्त लालकृष्ण आडवाणी और प्रमोद महाजन ने उनका पूरा साथ दिया था.
पिछले साल जून में गोवा में हुई बीजेपी की अहम बैठक में नरेंद्र मोदी को प्रचार अभियान समिति का प्रमुख घोषित किया गया था. यहीं से उनके प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने का रास्ता साफ हुआ.
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का दिल्ली से बाहर का पहला दौरा गोवा में हुआ था. अब पहली बार गोवा को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मनोहर पार्रिकर के रूप में कैबिनेट स्तर का प्रतिनिधत्व मिला है.
वैसे नरेंद्र मोदी सरकार में पहले ही गोवा से श्रीपद नाइक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं. यह यूपीए सरकार के दोनों कार्यकाल से बिल्कुल उलट है, जब राज्य का एक भी प्रतिनिधि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं था.
इससे पहले रमाकांत खलप करीब दो दशक पहले संयुक्त मोर्चा की सरकार में कानून व न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने थे. इसी तरह, पीवी नरसिंह राव सरकार में गोवा से ताल्लुक रखने वाले एडवर्डो फलेरियो राज्यमंत्री थे.
---इनपुट भाषा से