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कांग्रेस में यूथ-ओल्ड ब्रिगेड में तकरार, मनमोहन सिंह के समर्थन में कई पूर्व मंत्री

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गुरुवार को बुलाई गई बैठक में मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे कई पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी नेताओं के बीच मतभेद उभर कर सामने आ गया, जिसमें एक बार फिर कांग्रेस के भीतर दरार को उजागर कर दिया. बाद में यह विवाद सार्वजनिक मंच पर भी दिखा.

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मनमोहन सिंह के समर्थन में उतरे कई पूर्व केंद्रीय मंत्री (फाइल-पीटीआई)
मनमोहन सिंह के समर्थन में उतरे कई पूर्व केंद्रीय मंत्री (फाइल-पीटीआई)

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  • मनमोहन सिंह के सामने बैठक में दिखी नेताओं की नाराजगी
  • किसी ने वाजपेयी सरकार की आलोचना नहीं कीः मनीष तिवारी
  • आनंद शर्मा ने 10 साल के यूपीए काल की उपलब्धियां गिनाईं
  • यूपीए के 10 साल दुर्भावनापूर्ण तरीके से खराब किए गएः शशि
राजनीतिक रणनीति बनाने के लिए अपने राज्यसभा सांसदों की गुरुवार को हुई बैठक के 2 दिन बाद कांग्रेस में अंतर्विरोध खुलकर सामने आ गया. पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने ट्विटर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समर्थन में ट्वीट किए.

कांग्रेस की अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में गुरुवार को 34 राज्यसभा के सांसदों ने वर्चुअल बैठक में भाग लिया, बैठक वर्तमान राजनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श और रणनीति तैयार करने के लिए बुलाया गया था.

हालांकि, यह बैठक अपने एजेंडे से भटक गई क्योंकि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और सांसद ने प्रमुख मुद्दों पर पार्टी के भीतर समन्वय की कमी का मुद्दा उठाया. सांसद ने कथित तौर पर कहा कि पार्टी को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है. हालांकि बैठक में, कांग्रेस के युवा नेताओं ने कथित तौर पर पार्टी की पिछली सरकार की भारी गिरावट के लिए दोषी ठहराया.

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कई पूर्व मंत्रियों ने किया समर्थन

पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा गुरुवार को बुलाई गई वर्चुअल बैठक में मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे कई पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी नेताओं के बीच मतभेद उभर कर सामने आ गया, जिसमें एक बार फिर कांग्रेस के भीतर दरार को उजागर कर दिया. कांग्रेस ने 2014 में बीजेपी के हाथों अपनी सत्ता गंवा दी थी.

पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने जब सवाल किया कि क्या यूपीए में 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले ही "तोड़फोड़" हो चुका था, तो यह विभाजन और अधिक दिखाई देने लगा. वह पार्टी के चुनावी नुकसान पर आत्मनिरीक्षण के लिए कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग से प्रतिक्रिया कर रहे थे.

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यह मुद्दा शनिवार को भी जारी रहा जब मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी 10 साल से सत्ता से बाहर रही, लेकिन एक बार भी उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी या उनकी सरकार को विफलता के लिए दोषी नहीं ठहराया.

कांग्रेस नेता शशि थरूर, आनंद शर्मा और मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख मिलिंद देवड़ा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बचाव करने के लिए मनीष तिवारी का समर्थन किया.

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मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट किया कि 2014 में पद से हटते समय, मनमोहन सिंह ने कहा था, 'इतिहास मेरे प्रति दयालु होगा.'

देवड़ा ने कहा कि क्या उन्होंने कभी ऐसा सोचा होगा कि उनकी अपनी पार्टी के कुछ लोग उनकी वर्षों की देश सेवा को खारिज कर देंगे और उनकी विरासत को नुकसान पहुंचाएंगे और वह भी, उनकी उपस्थिति में?.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने मनीष तिवारी और मिलिंद देवड़ा के ट्वीट का जवाब दिया और कहा, 'मैं मनीष तिवारी और मिलिंद देवड़ा से सहमत हूं. यूपीए के परिवर्तनकारी 10 साल दुर्भावनापूर्ण तरीके से खराब कर दिए गए. हमारी हार और बहुत कुछ जानने के लिए और कांग्रेस को पुर्नजीवित करने के लिए थी. न कि वैचारिक प्रतिद्वंद्वियों को खेलने के लिए.'

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दूसरी ओर, एक अन्य पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने 10 साल के कांग्रेस शासन की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करने वाले ट्वीट्स की एक सीरीज पोस्ट की और बताया कि यह कैसे बीजेपी, राजनीतिक विरोधियों और शक्तिशाली निहित स्वार्थों के एक दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक षड्यंत्र और दुर्भावनापूर्ण अभियान का शिकार हो गया.

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मनमोहन सिंह ने चुप्पी साधी

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जो गुरुवार को 3 घंटे की बैठक में मौजूद थे, ने चुप्पी साध ली. हालांकि कांग्रेस सांसद ने बैठक के दौरान किसी तरह की अनबन की खबरों का खंडन किया.

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बैठक के दौरान दरार की खबरों से इनकार करते हुए राज्यसभा सांसद राजीव सातव ने कहा कि यह बैठक "बेहद फलदायी" थी और कांग्रेस के कई नेताओं को अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से कहने के लिए पार्टी की ओर से मंच प्रदान किया गया.

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, कुछ प्रेरित मीडिया खबरों में तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है. आज, मेरे कुछ सम्मानित सहयोगियों और वरिष्ठों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है. इसने मुझे मजबूर किया कि सार्वजनिक मंच पर पार्टी के मामलों पर चर्चा करना मेरे सिद्धांत के खिलाफ है, इसलिए बाहर आकर बताया जाए.

उन्होंने आगे कहा कि मनमोहन सिंह को इस मामले में खींचने का 'दुर्भावनापूर्ण प्रयास' बेहद 'निंदनीय' है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर मनमोहन सिंह ने आधुनिक भारत के निर्माण में सराहनीय योगदान दिया है. वह हमेशा उच्च सम्मान में रहेंगे. मैं अपनी टिप्पणी, या किसी अन्य सम्मानित सहयोगियों की बातों पर आंतरिक पार्टी मंचों पर ही चर्चा करूंगा. उन्होंने कहा कि यूपीए 2 'अच्छी सरकार, लोगों की सरकार' थी.

जमीन तलाशने में जुटी कांग्रेस

पिछले साल लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस लगातार संघर्ष कर रही है और अपनी जमीन बचाए रखने की कोशिश में जुटी है. इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेताओं ने पार्टी को छोड़ दिया, जबकि राजस्थान के एक अन्य युवा नेता सचिन पायलट, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुला विद्रोह कर चुके हैं.

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कांग्रेस नेताओं ने स्वीकार किया कि एक अनिश्चित और अभावग्रस्त नेतृत्व ने पार्टी को संकट में डाल दिया है. हालांकि कांग्रेस के भीतर दरार अब सार्वजनिक है, अभी तक इस मुद्दे पर शीर्ष नेतृत्व से कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है.

पार्टी के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल पार्टी में आंतरिक कलह की खबर को नकारते हुए कहते हैं कि पुराने और नए लोगों के बीच लड़ाई की कहानी एक 'कल्पना' पर आधारित है.

10 अगस्त को खत्म हो रहा सोनिया का कार्यकाल

हालांकि, राहुल गांधी के करीबी सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि राज्यसभा के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कार्यकाल खत्म हो रहा है और हाल की आलोचना को इससे जोड़ा जा सकता है.

अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है. नए अध्यक्ष को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है. कई नेता राहुल गांधी से फिर से अध्यक्ष पद की कमान संभालने की गुजारिश कर रहे हैं.

राज्यसभा के पूर्व सांसद हुसैन दलवई ने इंडिया टुडे टीवी से कहा, 'राहुल गांधी आज देश के एकमात्र नेता हैं जो निडर होकर मोदी सरकार की पोल खोल रहे हैं. कांग्रेस उनके नेतृत्व में ही बीजेपी का मुकाबला कर सकती है.

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