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59 हजार बुलेट प्रूफ जैकेटों की तकनीकी आकलन रिपोर्ट निरस्त

कथित गड़बड़ी के मद्देनजर सरकार ने सोमवार को बुलेट प्रूफ जैकेटों की उस तकनीकी आकलन रिपोर्ट को निरस्त कर दिया जो इस तरह की 59,000 जैकेटों की खरीद के लिये आमंत्रित निविदा के तहत तैयार की गयी थी. सरकार ने डीआरडीओ के उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है जो आकलन समिति का सदस्य था.

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कथित गड़बड़ी के मद्देनजर सरकार ने सोमवार को बुलेट प्रूफ जैकेटों की उस तकनीकी आकलन रिपोर्ट को निरस्त कर दिया जो इस तरह की 59,000 जैकेटों की खरीद के लिये आमंत्रित निविदा के तहत तैयार की गयी थी. सरकार ने डीआरडीओ के उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है जो आकलन समिति का सदस्य था.

पहले की निविदा प्रक्रिया निरस्त करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लैबोरेटरी’  (टीबीआरएल) की सौंपी गयी जैकेट परीक्षण रिपोर्ट भी रद्द करने का फैसला किया. सरकार ने निविदा भरने वालों से नये सिरे से परीक्षण के लिये नये नमूने देने को कहा है. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि निविदा आमंत्रित किये जाने के बाद पुलिस शोध तथा विकास ब्यूरो के महानिदेशक की अध्यक्षता में तकनीकी आकलन समिति और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक की अध्यक्षता में निविदा सलाहकार समिति का गठन किया गया था.

तकनीकी आकलन समिति में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के तहत काम करने वाली प्रयोगशाला टीबीआरएल के संयुक्त निदेशक आर के. वर्मा भी शामिल थे. योग्य करार दी गयी निविदा भरने वाली कंपनियों के सौंपे गये नमूनों का परीक्षण टीबीआरएल में ही हुआ था. समिति ने परीक्षण रिपोर्ट निविदा सलाहकार समिति को सौंपी थी. जब मामला सलाहकार समिति के पास विचाराधीन था तब मंत्रालय को अलग-अलग तबकों से कई शिकायतें मिलीं. एक सीडी भी मंत्रालय को मिली जिसमें वर्मा तथा निविदा भरने वाली एक कंपनी के बीच की कथित बातचीत शामिल थी. इसके चलते केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम को निविदा की आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश देने पड़े.

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिये खरीदी जाने वाली बुलेट प्रूफ जैकेटों की यह निविदा अब जांच के अधीन है और लंबित है. आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि शिकायतों और सीडी पर शुरुआती तौर पर विचार करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 23 दिसंबर 2009 को निविदा प्रक्रिया पर रोक लगा दी और निर्देश दिये कि निविदा तब तक न खोली जाये जब तक आगामी आदेश न हों.

उन्होंने कहा कि पुलिस शोध तथा विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) के महानिदेशक ने शिकायतों और सीडी की सतर्कता से जांच की है. उन्होंने रिपोर्ट दी कि वर्मा ने यह स्वीकार किया है कि सीडी में सुनायी दे रही आवाज उन्हीं की है. बीपीआरडी के महानिदेशक की रिपोर्ट पर तकनीकी सलाहकार समिति ने गौर किया और केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी सिफारिशें दीं. इसी के बाद यह फैसला किया गया.

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