सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार तक तीस्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद की अग्रिम जमानत याचिका नामंजूर कर दी थी. गुजरात पुलिस की एक टीम तीस्ता के घर उन्हें गिरफ्तार करने भी पहुंच गई थी.
तीस्ता पर आरोप है कि उन्होंने गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए जमा किए गए चंदे का दुरुपयोग किया. तीस्ता पर एक करोड़ 51 लाख रुपये के फंड के दुरुपयोग का आरोप है. ये पैसा दंगों से जुड़ा एक म्यूज़ियम बनाने के लिए जमा किया गया था. बताया जा रहा है कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनके मुंबई और दिल्ली के ठिकानों पर छापा मारा है.
यह म्यूजियम गुलबर्ग सोसाइटी में बनना था, जहां 2002 के दंगों में 60 लोग मारे गए थे. लेकिन म्यूजियम बनाने की योजना बाद में रद्द कर दी गई. गुलबर्ग सोसाइटी के 12 लोगों का आरोप है कि तीस्ता ने फंड का गलत इस्तेमाल किया, लेकिन तीस्ता का कहना है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.
25 मार्च, 2014 को सेशन कोर्ट ने गिरफ्तारी से बचने के लिए उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं. क्राइम ब्रांच ने पिछली जनवरी में तीस्ता और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी.