तहलका के संपादक तरुण तेजपाल के यौन उत्पीड़न की शिकार महिला पत्रकार ने मंगलवार को जब गोवा पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज करवाया तो वह फूट फूटकर रोने लगी. बयान पूरा हुआ, तो वह पूछने लगी कि क्या मुझे न्याय मिलेगा और इस सवाल के बाद फिर आंसू बहने लगे. फिर परिवार जनों ने आकर उसे ढांढस बंधाया और आगे की कानूनी औपचारिकता पूरी की गई. ये बयान दर्ज करने के लिए एक महिला अधिकारी मुंबई के उपनगर में स्थित महिला पत्रकार के घर पहुंची थी. सवा दो घंटे तक चली इस प्रक्रिया के दौरान पत्रकार ने यह भी कहा कि उसे इस मामले में तहलका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी ने किसी भी तरह की मदद नहीं की.अब गोवा पुलिस महिला पत्रकार को गोवा लेकर जा रही है, ताकि मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज हो सके.
क्राइम ब्रांच की पुलिस इंस्पेक्टर सुनीता सावंत के नेतृत्व में गोवा पुलिस ने यह बयान 11.45 से 2 बजे तक दर्ज किया. सात पन्नों के इस बयान में महिला पत्रकार ने तरुण तेजपाल द्वारा दो बार किए गए यौन उत्पीड़न, उसकी शिकायत और दूसरे ब्यौरे दिए.शिकायत के साथ ईमेल के जरिए तरुण तेजपाल और महिला पत्रकार द्वारा दिया जा रहा बयान भी संलग्न किया गया है.
गोवा पुलिस के सूत्रों के मुताबिक जब बयान दर्ज हो रहा था तब 23 वर्षीय पीड़ित बहुत दुखी और परेशान नजर आ रही थी.इस दौरान उसने गोवा में तहलका मैगजीन के थिंक फेस्ट के दौरान 7 और 8 नवंबर को हुई घटनाओं का ब्यौरा दिया.ये सब घटनाएं साउथ गोवा के बैंबोलिम बीच पर स्थित ग्रांड हयात होटल में हुई थीं.
लिफ्ट में क्या किया तरुण तेजपाल ने
महिला पत्रकार ने गोवा पुलिस को उस ईमेल की कॉपी भी सौंपी, जिसके जरिए उसने सबसे पहले अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की शिकायत शोमा चौधरी से की थी.इसमें लिखा है कि किस तरह से तरुण तेजपाल होटल की लिफ्ट में उनका यौन शोषण कर रहे थे. मना करने और प्रतिरोध के बावजूद उनकी घिनौनी हरकतें जारी रहीं.ये सब तब तक जारी रही, जब तक लिफ्ट ब्लॉक 7 पर आकर रुक नहीं गई. इसके बाद महिला पत्रकार वहां से निकल भागी.इस दौरान पत्रकार तेजपाल से कहती रही कि प्लीज ऐसा मत करिए, आप मेरे पिता की तरह हैं. पत्रकार ने ये भी हवाला दिया कि मैं आपकी बेटी की तरह हूं, आपकी बेटी की दोस्त हूं और जो आप कर रहे हैं, वह गलत है. महिला पत्रकार ने बताया कि तरुण तेजपाल शराब के नशे में धुत्त थे और उन्होंने कुल दो बार उसका यौन उत्पीड़न किया.
अपने बयान में महिला पत्रकार ने कहा कि पूरे प्रकरण के बारे में तहलका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी को बताने के बाद भी उसे चौधरी से किसी तरह की सहायता नहीं मिली, हालांकि पत्रकार के तीन सहकर्मियों ने इस दौरान उसका पूरा साथ दिया.