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शोमा चौधरी ने दिया मैनेजिंग एडिटर के पद से इस्‍तीफा

तहलका के संपादक तरुण तेजपाल द्वारा महिला पत्रकार के यौन उत्पीड़न के मामले में तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी ने भी इस्‍तीफा दे दिया. तहलका से इस्‍तीफे के बाद आईआईएम-ए कांफ्रेंस में भी नहीं जाएंगी शोमा चौधरी. शोमा पर तरुण तेजपाल को बचाने का आरोप है.

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शोमा चौधरी
शोमा चौधरी

तहलका के संपादक तरुण तेजपाल द्वारा महिला पत्रकार के यौन उत्पीड़न के मामले में तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी ने भी इस्‍तीफा दे दिया. तहलका से इस्‍तीफे के बाद आईआईएम-ए कांफ्रेंस में भी नहीं जाएंगी शोमा चौधरी. शोमा पर तरुण तेजपाल को बचाने का आरोप है.

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शोमा चौधरी ने बुधवार को पत्रिका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वली महिला सहकर्मी के चरित्र पर लांछन लगाने की कोशिश करने के आरोप का खंडन किया. चौधरी ने कहा, 'मैं मीडिया में आई उन रिपोर्ट का खंडन करती हूं, जिसमें कहा गया है कि मैं शिकायत करने वाली महिला पत्रकार को बदनाम करने, डराने-धमकाने या उसके चरित्र पर कीचड़ उछालने में किसी भी तरह शामिल रही हूं.' चौधरी ने आगे कहा, 'यह सब दुर्भावना की वजह से किया जा रहा है, जिसका कोई आधार नहीं है.'

गोवा पुलिस ने इस मामले में शोमा से दो दिन पहले लगातार 8 घंटे पूछताछ की थी. इसके अलावा शोमा लगातार इस मामले में अपने बचाव में सफाई दे रही थीं, लेकिन उन पर लगातार सवाल उठ रहे थे, जिसके बाद आखिरकार उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

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गौरतलब है, तरुण तेजपाल पर आरोप है कि 7 और 8 नवंबर को गोवा के एक पांच सितारा होटल में उनकी मैगजीन तहलका के सालाना थिंक फेस्ट के दौरान उन्होंने मुंबई की एक महिला पत्रकार का दो बार यौन उत्पीड़न किया था. महिला पत्रकार ने अपनी प्रबंध संपादक शोमा चौधरी को ऑफिसियल मेल पर शिकायत की थी.

इसके जवाब में तरुण ने यौन उत्पीड़न का अपराध स्वीकार करते हुए माफी मांगी थी और छह महीने के लिए अपना पद छोड़ दिया था. मगर इस मेल के सार्वजनिक होते ही हड़कंप मच गया.

पढ़‍िये शोमा चौधरी का पूरा इस्‍तीफा...

डियर ऑल,
ये समय तहलका से जुड़े सभी साथियों के लिए बहुत मुश्किल है. यह घटना 18 नवंबर को मेरी जानकारी में आई थी और शिकायत मिलते ही मैंने इसपर तत्‍काल कार्रवाई की. मैंने एक महिला और हमारी सह-कार्यकर्ता के रूप में हमारी सहयोगी के लिए तुरंत कार्रवाई की.'

शिकायत मिलते ही पहला कदम यौन उत्‍पीड़न समिति बनाई गई. शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए सिर्फ दो ही दिन थे कि उससे पहले मीडिया पर यह खबर आ गई. उसके बाद ये खबर मीडिया में आधूरे तथ्‍यों के साथ तेजी से उछली.

पिछले हफ्ते मुझ पर पूरे मामले को दबाने और नारीवादी विचारों से विचलित होने का आरोप लगा. मैं मानती हूं कि मैं चीजों को अलग या बेहतर तरीके से कर सकती थी, लेकिन मैं मामला दबाने से जुड़े सभी आरोपों को खारिज करती हूं. जहां तक मेरे नारीवादी पक्ष की बात है, मुझे लगता है कि मैंने उसी के मुताबिक काम किया, क्‍योंकि मैंने अपनी सहकर्मी के पक्ष को प्राथमिकता दी.

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हालांकि, इसके बावजूद न सिर्फ बाहर के लोगों ने बल्कि मीडिया ने भी मेरे ऊपर बार-बार सवाल उठाए और मै इस पर अब संज्ञान लेता चाहती हूं. मैंने कई सालों से तहलका के लिए बहुत मेहनत से काम किया, जितना भी काम किया वो मेरे लिए खास है और मैं उसका सम्‍मान करती हूं. मैं नहीं चाहती हूं कि मेरी सच्‍चाई पर सवाल उठाए जाए, जो कि तहलका की छवि को भी खराब करती है. इसलिए मैं तत्‍काल प्रभाव से प्रबंध संपादक के पद से इस्‍तीफा देती हूं.

मेरे कई पाठक और सहयोगी हैं, जो इस मुश्किल समय में मुझ पर बहुत विश्‍वास कर रहे हैं, मैं उन सब का आभार प्रकट करती हूं. मैं इस मामले को बंद करने और जरूरी हैंडओवर देने ऑफिस आऊंगी. मैं बता नहीं सकती कि यह सब मेरे लिए कितना तकलीफदेह है. मैं नहीं चाहती कि इस चुनौती के समय इस तर‍ह बीच में तहलका को छोड़कर जाऊं, लेकिन मुझे करना पड़ रहा है. मैं इस समय तहलका के साथ रहना चाहती हूं पर नहीं जानती कि मेरा तहलका के साथ रहना तहलका की मदद करेगा या नुकसान पहुंचाएगा.
मुझे अफसोस है कि मेरे नेतृत्‍व में मै स्‍पष्‍टता को नहीं बनाकर रख पाई.

शोमा

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