न्यूज मैगजीन तहलका के संस्थापक और संपादक तरुण तेजपाल ने अपनी ही संस्था में काम करने वाली एक महिला पत्रकार के यौन उत्पीड़न की बात स्वीकार करते हुए खुद को पत्रिका से छह महीने के लिए अलग कर लिया है. तहलका के गोवा में होने वाले सालाना इवेंट थिंक फेस्ट के दौरान तरुण ने इस महिला का दो बार यौन उत्पीड़न किया और फिर जब इस पत्रकार ने तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी को मेल लिख पूरे वाकये की जानकारी दी, तो तरुण ने चिट्ठी लिख कहा, कि मैंने इस पूरे प्रकरण पर बिना शर्त उस पत्रकार से माफी मांग ली है. मगर ये काफी नहीं है. इसलिए मैं छह महीने के लिए पत्रिका के दायित्वों से खुद को पूरी तरह अलग करता हूं. इस दौरान मैं ऑफिस भी नहीं आऊंगा.उधर इस प्रकरण के सामने आने के बाद महिला पत्रकारों समेत कई संगठन तरुण पर कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
महिला पत्रकार के पिता हैं तरुण के दोस्त
सबसे पहले यह जानते हैं कि आखिर हुआ क्या.तहलका की यह पत्रकार तरुण के दोस्त की बेटी है और तरुण की बेटी की दोस्त भी. वह थिंक में हिस्सा लेने के लिए अपने बाकी सहयोगियों के साथ गोवा में थी, जब तरुण ने उसके साथ दो बार यौन उत्पीडऩ किया. महिला पत्रकार ने इवेंट के बाद मैनेजिंग एडिटर को मेल लिखकर पूरे प्रकरण की जानकारी दी. उसने मेल में लिखा कि जब दूसरी बार यौन उत्पीड़न के बाद मैंने तरुण तेजपाल की बेटी को इस बारे में बताया, तो तरुण मुझ पर चीखने लगे और धमकाने लगे. अपने शिकायती मेल में महिला पत्रकार ने तरुण से लिखित में माफी मांगने को कहा और साथ ही यह मांग भी की कि पूरे संगठन को इसके बारे में बताया जाए.
इस मेल के बाद बीती शाम तरुण तेजपाल ने मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी को मेल लिखकर कहा कि ‘पिछले कुछ दिनों में जो कुछ भी हुआ, उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं. हालात की गलत व्याख्या करके मैंने ये सब किया, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मैंने उस पत्रकार से बिना किसी शर्त के पहले ही माफी मांग ली है. मगर तहलका में हम जिन मूल्यों की बात करते हैं, वह मुझे विवश कर रही हैं, खुद को और दंडित करने के लिए. इसलिए मैं अगले छह महीने के लिए खुद को तहलका की संपादकी और दफ्तर से अलग करता हूं.’
पुलिस खुद से संज्ञान लेकर दर्ज कर सकती है केसः किरण बेदी
यह तो हुई संगठन के दो मेल की बात, जिसमें से एक पीड़ित ने लिखा और दूसरा उत्पीड़न करने वाले ने. और जिस पर मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी कह रही हैं कि यह हमारा अंदरूनी मामला है. मगर इस पूरे प्रकरण के सामने आते ही तमाम महिला संगठन तरुण तेजपाल के खिलाफ मामला दर्ज करने और सख्त से सख्त सजा दिलाने की बात कर रहे हैं. पूर्व आईपीएस और समाजसेवी किरण बेदी ने कहा है कि यह कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकने के लिए बने विशाखा कानून के तहत एक क्रिमिनल एक्ट है. अगर पीड़ित या कोई दूसरा पक्ष इसकी शिकायत नहीं भी करता है, तब भी पुलिस स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकती है. किरण ने लगातार ट्वीट कर भी इस मुद्दे पर अपनी राय मुखर की. उन्होंने लिखा कि तरुण तेजपाल ने यह स्वीकार किया है कि यह यौन उत्पीड़न गलत फैसले का नतीजा था. फिर बेदी सवाल करती हैं कि यह गलत फैसला था या ये यकीन कि वह बच निकलेंगे इस तरह की हरकत कर. किरण ने यह भी लिखा कि गोवा पुलिस इस मेल को संज्ञान में लेकर कार्रवाई शुरू कर सकती है.