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तेज बहादुर यादव मामले में BSF ने कोर्ट में दिए अटपटे जवाब

तेज बहादुर यादव का वीडियो सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हुआ था. उस दौरान सोशल मीडिया पर इसको लेकर कई तरह के कैंपेन भी चलाए गए थे.

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तेजबहादुर यादव ने जारी किया था वीडियो
तेजबहादुर यादव ने जारी किया था वीडियो

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सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर खाने की क्वालिटी पर सवाल उठाने वाले जवान तेज बहादुर यादव के मामले में नया मोड़ आया है. इस मामले की सुनवाई पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चल रही है. सुनवाई के दौरान बीएसएफ ने कुछ सवालों के जवाब ऐसे दिए जो थोड़े अटपटे दिखाई पड़ते हैं.

BSF ने कोर्ट को बताया है कि जवानों को दिए जाने वाले खाने में तेल इसलिए नहीं डाला जाता ताकि उनको दिल की बीमारियां न लगे. जबकि पूर्व बीएसएफ कांस्टेबल तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि जवानों को परोसे जाने वाले खाने में मसालों की कमी रहती है.

सोमवार को न्यायालय में दाखिल अपने जवाब में बीएसएफ ने कहा है कि तेज बहादुर के खिलाफ सख्त कार्रवाई इसलिए की गई ताकि उसे देखकर बीएसएफ में विद्रोह की चिंगारी न भड़के.

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बीएसएफ ने अपने जवाब में कहा है कि तेज बहादुर ने भूख हड़ताल कर दी थी ताकि बीएसएफ के दूसरे जवान उसका साथ दे सके. बीएसएफ के मुताबिक तेज बहादुर बेवजह हंगामा खड़ा करने का आदी था.

याचिकाकर्ता के वकील एसपी यादव ने कहा कि तेज बहादुर द्वारा उठाए गए मुद्दों का बीएसएफ सटीक जवाब नहीं दे पाई इसलिए तेज बहादुर बीएसएफ के जवाब के खिलाफ अर्जी दायर करना चाहते हैं. हाईकोर्ट ने तेज बहादुर को 27 फरवरी का समय दिया है.

गौरतलब है कि बीएसएफ ने तेज बहादुर द्वारा खाने का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने को देश विरोधी बताया था जबकि एनआईए ने जांच में माना था कि तेज बहादुर किसी भी तरह की देश विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं था.

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