बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही शुक्रवार को सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए हों, लेकिन वो पीएम मोदी के भोज के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं. दरअसल, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ भारत के तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे और उन्होंने शनिवार को पीएम मोदी से मुलाकात भी की. उनके सम्मान में पीएम मोदी ने भोज का आयोजन किया है. इस भोज में शामिल होने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार को भी बुलाया गया था और नीतीश इसके लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं.
मुलाकात से गर्मा गई सियासत
नीतीश के इस भोज में शामिल होने को लेकर सियासत गर्मा गई है. साथ ही इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे है. जिसके बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मीडिया पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया है कि ब्रेकफास्ट, लंच, चाय और डिनर की Courtesy Politics को मीडिया ने टीआरपी के चक्कर में Chutney Politics बना दिया.
ब्रेकफ़ास्ट,लंच,चाय और डिनर की Courtesy Politics का मीडिया ने TRP रायते के चक्कर में Chutney Politics बना दिया।
— Tejaswi yadav (@YadavTejaswi) May 27, 2017
इससे पहले नई दिल्ली में शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी नीतीश कुमार को निमंत्रण दिया था. लेकिन उन्होंने जाने से मना कर दिया था. वहीं, आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव इस बैठक में शामिल हुए.
इस घटना के बाद से महागठबंधन में दरार की बात सामने आने की बात कही जाने लगी थी. भाजपा ने कह दिया था कि नीतीश के ना का क्या मतलब है, समझ लेना चाहिए. जेडीयू ने इस मामले पर कहा था कि यह राजनीति का विषय ही नहीं है. नीतीश कुमार सरकारी कार्यों में बहुत ज्यादा व्यस्त हैं.
वहीं, आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने तो यहां तक कह दिया था कि मुझे नीतीश कुमार के इस फैसले से कोई आश्चर्य नहीं दिखा. उनका ट्रैक रिकार्ड देखने से यह पता चलता है कि हम जिस स्टैंड पर खड़े होते हैं, उनका वह हमेशा विरोध करते हैं.
ऐसे में सोनिया गांधी को 'ना' बोलने के बाद पीएम मोदी को 'हां' कहने से बिहार की राजनीति में एक बार फिर से बयानबाजी का दौर शुरू हो सकता है. महागठबंधन में दरार की बात सामने आ सकती है.