लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नजर पश्चिम बंगाल और तेलंगान में कमल खिलाने पर लगी है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तेलंगाना बीजेपी नेताओं की कोर कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक की. इस दौरान बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने मिशन 2023 को लेकर रणनीति बनाई है.
बैठक में पार्टी महासचिव मुरलीधर राव, किशन रेड्डी, पार्टी संगठन सचिव रामलाल और संयुक्त सचिव सौदान सिंह शामिल हुए. देशभर में बीजेपी 6 जुलाई से सदस्यता अभियान कार्यक्रम कर रही है. ऐसे में तेलंगाना में बीजेपी के सदस्यता अभियान का आगाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह करेंगे. तेलंगाना को दक्षिण भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता है.
तेलंगाना में मौजूदा समय 18 लाख बीजेपी के सदस्य हैं, जिन्हें बढ़ाकर 36 लाख करने का पार्टी ने लक्ष्य रखा है. इस अभियान के 8 हजार नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो प्रदेश में सभी 32 हजार बूथों तक जाकर लोगों को बीजेपी से जोड़ने का काम करेंगे.
हाल ही में बीजेपी सदस्यता अभियान के प्रमुख और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने हैदराबाद का दौरा किया और राज्य में पार्टी की स्थिति को लेकर समीक्षा की. तेलंगाना में इस बार के चुनाव में बीजेपी के चार सांसद जीतने में कामयाब रहे हैं. तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की पुत्री कल्वाकुंट्ला कविता को बीजेपी के हाथों करारी हार का मुंह देखना पड़ा है.
इससे बीजेपी के हौसले राज्य में बुलंद है. यही वजह है कि तेलंगाना में बीजेपी अपनी नजर लगाए हुए है और लगातार अपना ग्राफ बढाने में जुटी है. यहां बीजेपी कांग्रेस को मूल वोटबैंक रेड्डी समुदाय को साधने की कवायद कर रही है. बीजेपी की पहली कोशिश राज्य में होने वाले नगर निगम चुनाव और उपचुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने पर है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 17 जुलाई को तेलंगाना में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे. यहीं से बीजेपी ने राज्य में केसीआर सरकार के खिलाफ राज्यभर में आंदोलन करने की योजना बनाई है. 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी अभियान को धार देने में जुटी है.
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