scorecardresearch
 

तेलंगाना विधानपरिषद में हंगामा, सभापति की आंख पर लगा फेंका गया माइक्रोफोन

विधान परिषद के सभापति के स्वामी गौड़ ने कहा कि विधानमंडल के संयुक्त सत्र को राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन द्वारा संबोधित करने के बाद राष्ट्र गान के दौरान आसन पर फेंकी गई कोई वस्तु उन्हें लगी.

Advertisement
X
नारेबाजी के बीच फेंकी गई एक वस्तु विधानपरिषद के सभापति की आंख पर जा लगीं.
नारेबाजी के बीच फेंकी गई एक वस्तु विधानपरिषद के सभापति की आंख पर जा लगीं.

Advertisement

तेलंगाना विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सदस्यों की नारेबाजी के बाद फेंकी गई एक वस्तु विधानपरिषद के सभापति की आंख पर जा लगीं.

विधान परिषद के सभापति के स्वामी गौड़ ने कहा कि विधानमंडल के संयुक्त सत्र को राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन द्वारा संबोधित करने के बाद राष्ट्र गान के दौरान आसन पर फेंकी गई कोई वस्तु उन्हें लगी.

गौड़ की दाहिनी आंख पर एक प्लास्टर बंधा हुआ था. एक अस्पताल में आंख का इलाज कराने के बाद गौड़ ने पत्रकारों से कहा कि एक हेडफोन उनकी आंख पर लगा.

इससे पूर्व राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान उस समय व्यवधान उत्पन्न हुआ, जब कांग्रेस सदस्यों ने नारेबाजी की और टीआरएस सरकार पर ‘‘किसाना विरोधी’’ होने का आरोप लगाया. इनमें से कुछ ने कागज फाड़कर हवा में उड़ाये.

Advertisement

राज्यपाल ने हालांकि अपना संबोधन जारी रखा और सरकार के विभिन्न कल्याणकारी और विकास कार्यक्रमों का जिक्र किया.

विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने संबोधन के दौरान सदन से बहिर्गमन किया.

कांग्रेस सदस्यों को मार्शलों ने सदन के आसन के पास रोक लिया. इनमें से कुछ ने तख्तियां ले रखीं थी और कुछ सदस्यों ने कागज फाड़कर हवा में फेंक दिये.

सभापति ने कहा,‘‘राज्यपाल के संबोधन के बाद राष्ट्रगान के लिए वे खड़े हुए थे कि एक अन्य हेडफोन मेरी आंख में आ लगा.’’

उन्होंने कहा,‘‘जैसे ही राष्ट्र गान शुरू हुआ, मुझे आंख में काफी दर्द हुआ. राज्यपाल को विदा करने के बाद मुख्यमंत्री ने मुझे अस्पताल जाने की सलाह दी.’’

इस घटना की निंदा करते हुए राज्य के गृह मंत्री नयानी नरसिम्हा रेड्डी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.

टीआरएस के विधानपरिषद सदस्य पी राजेश्वर रेड्डी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सदस्य वस्तुओं को फेंककर ‘‘शारीरिक हमले’’ करने में लिप्त है. उन्होंने इस घटना की जांच कराये जाने की मांग की.

राज्य कांग्रेस प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और विधायक एन उत्तम कुमार रेड्डी ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि सरकार ने सदन के भीतर लगभग 50 ‘‘ पुलिस’’ कर्मियों को तैनात किया हुआ है, और कांग्रेस के केवल 12-13 विधायक थे.

Advertisement

उन्होंने आरोप लगाया,‘‘यहां तक कि लोकतंत्र के मंदिर संसद में भी आसन के निकट जाकर विरोध जताने का अधिकार है. मुख्यमंत्री के आदेश पर तेलंगाना विधानसभा में लगभग 50 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया.’’

राज्य के संसदीय कार्य मंत्री टी हरीश राव ने कांग्रेस की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि मुख्य विपक्षी सदस्यों का व्यवहार राज्यपाल पर हमला जैसा था.

उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति ( बीएसी) की बैठक में अन्य पार्टियों ने भी इस घटना की निंदा की.

इस बीच भाजपा सदस्यों ने पत्रकारों से कहा कि वे राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन से ‘‘ बाहर’’ आ गये क्योंकि सरकार भाषण में ‘‘अपने झूठे दावों को दोहरा’’ रही थी.

Advertisement
Advertisement