वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने आंध्रप्रदेश के विभाजन के केंद्र के फैसले के खिलाफ अपने आवास पर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है. वे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी देंगे.
जगन ने यहां ‘दीक्षा’ शिविर में कहा ‘हम केंद्र के (आंध्रप्रदेश को विभाजित करने के) फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.
उन्होंने कहा कि राज्य के विभाजन में ‘कानूनी समस्याएं’ हैं. उन्होंने इस बात पर हैरत जताई कि छह सप्ताह में केंद्र कैसे समाधान खोज सकता है.
जगन ने सवाल किया ‘जिस एकपक्षीय तरीके से केंद्र काम कर रहा है उसका हम विरोध करते हैं. राज्य विधानसभा में प्रस्ताव लाए बिना केंद्र सरकार राज्य के विभाजन की प्रक्रिया पर कैसे आगे बढ़ सकता है.’ उन्होंने कहा ‘हमने राज्य में प्रस्ताव पारित हुए बिना विभाजन के बारे में कभी नहीं सुना.’
कडप्पा के सांसद ने पूछा कि जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप पर (दागी सांसदों, विधायकों को बचाने के लिए लाया जा रहा) अध्यादेश वापस लिया जा सकता है तो केंद्र को अपना फैसला क्यों नहीं बदलना चाहिए, जबकि राज्य में विभाजन को लेकर कोई खुशी नहीं है.
यह दूसरा मौका है जब जगन इस मौके पर अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं. पिछले महीने वह चंचलगुडा जेल में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे. वहां वह अपने खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में बंद थे, लेकिन पांचवें दिन इसे विफल कर दिया गया था.
अब केंद्रीय मंत्रिमंडल के राज्य के विभाजन को मंजूरी देने के बाद उन्होंने केंद्र और कांग्रेस पर बहुसंख्यक जनता की चिंताओं का निराकरण किए बिना विभाजन प्रक्रिया पर आगे बढ़ने का दोषारोपण करते हुए फिर से अपना आंदोलन शुरू कर दिया है. जगन को हाल में ही जमानत मिली है.
हजारों वाईएसआरसी कार्यकर्ता उनके लोटस पॉन्ड स्थित आवास पर जुटे. उन्होंने सुबह साढ़े 11 बजे आंदोलन शुरू किया. उन्होंने अपने दिवंगत पिता वाई एस राजशेखर रेड्डी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि देने के बाद आंदोलन शुरू किया.
पार्टी सांसद मेकापति राजमोहन रेड्डी और अन्य नेता विशेष तौर पर तैयार दीक्षा प्लेटफॉर्म पर उनके साथ थे.
सीमांध्र में बंद का दूसरा दिन, आम जनजीवन प्रभावित
आंध्र प्रदेश को विभाजित करने के केन्द्र के फैसले के विरोध में तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में आज बंद के दूसरे दिन आम जनजीवन प्रभावित रहा.
आंध्र प्रदेश गैर-राजपत्रित अधिकारियों और एकीकृत आंध्र के अन्य समर्थकों ने 48 घंटों के बंद का आह्वान किया है, जबकि जगन मोहन रेड्डी नीत वाईएसआर कांग्रेस ने गैर तेलंगाना क्षेत्रों में 72 घंटे का बंद बुलाया है. दोनों बंद कल सुबह शुरू हुए थे.
तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में शिक्षण एवं कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और इन क्षेत्रों में आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा.
तटीय आंध्र के आईजी द्वारका तिरूमला राव ने कहा कि उन्होंने कुछ कांग्रेसी नेताओं के आवासों और संपत्तियों पर कल हमले को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त बलों को तैनात किया. उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है और स्थिति नियंत्रण में है. जब तक आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर यह हिंसक होता है तो कार्रवाई की जाएगी.
बंद के पहले दिन सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों पर हमले सहित अन्य हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं. कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस के कार्यालयों पर हमले किये. पीसीसी प्रमुख बोत्सा सत्यनारायण के व्यावसायिक एवं शिक्षण संस्थानों को निशाना बनाया गया और पुलिस ने इन इलाकों तथा अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई है.
एकीकृत आंध्र समर्थक कर्मचारी अगस्त से पहले ही हड़ताल पर चल रहे हैं. तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार से नई दिल्ली में अनिश्चितकालीन अनशन की घोषणा की.