केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने आज कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का रास्ता तैयार करने वाला विधेयक संसद के मानसून सत्र में नहीं पेश होगा लेकिन नया राज्य छह महीने में अस्तित्व में आ जाएगा.
बतौर गृह मंत्री एक साल का कार्यकाल पूरा कर चुके शिन्दे ने तेलंगाना पर सवालों के जवाब में इस संभावना से भी इन्कार किया कि पृथक तेलंगाना के गठन के फैसले पर पुनर्विचार हो सकता है.
शिन्दे ने कहा कि, 'इस सत्र में विधेयक नहीं पेश होगा. ‘मुझे नहीं लगता कि ये इतनी जल्दी आएगा. शायद अगले सत्र तक आये.’ यह पूछने पर कि नये राज्य के गठन में कितना समय लग जाएगा, उन्होंने कहा, ‘नये राज्य के गठन में आठ से नौ महीने लगते हैं लेकिन हम इसे जल्द से जल्द करने का प्रयास करेंगे. संभवत: साढे पांच से छह महीने या शायद उससे भी कम.’
जब शिन्दे से सवाल किया गया कि क्या केन्द्र सरकार पृथक राज्य के गठन को लेकर राज्य विधानसभा द्वारा प्रस्ताव पारित करने की सामान्य परंपरा की अनदेखी कर रही है तो उन्होंने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश विधानसभा पृथक तेलंगाना के मुद्दे पर पूर्व में चर्चा कर चुकी है. उन्होंने कहा कि हम अनदेखी कतई नहीं कर रहे हैं. यदि राज्य से प्रस्ताव आता है तो अच्छी बात है लेकिन यदि नहीं आता है तो और रास्ते खुले हैं. हम चर्चा करेंगे और संविधान के मुताबिक आगे बढेंगे.
यह पूछने पर कि क्या हैदराबाद दस साल या अधिक अवधि के लिए दोनों राज्यों की राजधानी रहेगी, गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति ने इस संबंध में फैसला किया है लेकिन इस बारे में स्पष्ट स्थिति तभी बनेगी, जब केन्द्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष यह मुद्दा आएगा और तेलंगाना मुद्दे पर चर्चा होगी.
इस सवाल पर कि क्या तेलंगाना में दस जिले होंगे या फिर रायलसीमा के भी कुछ जिले शामिल कर रायल तेलंगाना का गठन होगा, शिन्दे ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति का फैसला तेलंगाना के दस जिलों सहित नये राज्य के गठन का है और ‘मैं उस पर काम कर रहा हूं.’ उन्होंने कहा कि पार्टी ने सरकार को निर्देश दिया है. अब संविधान के मुताबिक आगे की प्रक्रिया होगी. हर प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. शिन्दे ने कहा कि नया राज्य संविधान के अनुसार बनेगा और यदि किसी को कोई सुझाव देना है तो वह सरकार को ज्ञापन दे सकता है.
तटीय आंध्र और रायलसीमा में तेलंगाना राज्य के गठन के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों तथा कांग्रेस विधायकों द्वारा इस्तीफे सौंपने के बारे में शिन्दे ने कहा कि उन्हें घटनाक्रम की जानकारी है लेकिन कांग्रेस पार्टी ने नये राज्य के गठन को लेकर फैसला किया है और वह उसी फैसले के अनुरूप चलेंगे. उन्होंने कहा कि जनता विरोध कर सकती है लेकिन विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए. तेलंगाना पर आम सहमति है.
शिन्दे ने बताया कि पहले कैबिनेट नोट बनेगा. फिर कैबिनेट मसौदा विधेयक को मंजूरी देगा और इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति इसे राज्य विधानसभा को निर्धारित समय के भीतर विचार कर भेजने के लिए कह सकते हैं. विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पारित किया जाएगा और उसके बाद नया राज्य अस्तित्व में आएगा.
पृथक राज्यों की मांग को लेकर देश के कुछ हिस्सों में हिंसा के बीच सरकार ने आज शांति की अपील करते हुए कहा कि वह हर किसी की शिकायत पूरी सतर्कता से सुनने को तैयार है. केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने हालांकि दूसरा राज्य पुनर्गठन आयोग बनाने की संभावना से इनकार किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी संगठन को किसी संघ शासित क्षेत्र के गठन के बारे में कोई प्रतिबद्धता नहीं दी गयी है.
'कानून के दायरे में रह कर काम करे नौकरशाही'
नागपाल मामले पर शिंदे ने कहा, 'नौकरशाही को कानून के दायरे के भीतर काम करना चाहिए.' गौतम बुद्ध नगर में रेत माफिया से टक्कर लेने वाली उत्तर प्रदेश की निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के बारे में पूछे गए सवाल पर शिंदे ने कहा, ‘निश्चित तौर पर मैं कहूंगा कि नौकरशाही को अवश्य स्वतंत्रता होनी चाहिए. लेकिन नौकरशाही को अवश्य कानून के दायरे और दिए गए प्रभार के भीतर काम करना चाहिए. युवा आईएएस अधिकारी के निलंबन पर टिप्पणी करने को कहे जाने पर शिंदे ने कहा, ‘यह राज्य से संबंधित मामला है.’ उन्होंने कहा कि शासन में अपने चार दशक के अनुभव के दौरान नौकरशाही और नेताओं के बीच काफी अच्छा समन्वय देखने को मिला.