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तेलंगाना में परिवारों का सामाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण जारी

तेलंगाना की चार करोड़ जनता की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए मंगलवार को घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जा रहा है. यह देश में किसी राज्य में हो रहा इस तरह का पहला सर्वेक्षण है.

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तेलंगाना
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तेलंगाना की चार करोड़ जनता की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए मंगलवार को घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जा रहा है. यह देश में किसी राज्य में हो रहा इस तरह का पहला सर्वेक्षण है. राज्य के 10 जिलों के करीब एक करोड़ परिवारों के सर्वेक्षण में करीब चार लाख सरकारी कर्मचारी लगे हुए हैं.

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तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने विपक्ष के उन आरोपों को खारिज किया है, जिनमें कहा गया है कि इस कदम का लक्ष्य हैदराबाद में रह रहे आंध्र प्रदेश के लोगों को अलग-थलग करना है.

सरकार का कहना है कि वह इन आंकड़ों के जरिए उन लोगों की पहचान कर रही है, जिन्हें सरकारी योजनाओं का वास्तव में लाभ मिलना चाहिए.

सर्वेक्षण की शुरुआत सुबह सात बजे राज्यभर में हुई. घर-घर शुरू हुए सर्वेक्षण में लाभार्थी का नाम, उम्र, शैक्षणिक योग्यता, पेशा, आधार कार्ड नंबर, बैंक खाता नंबर, संपत्ति और अन्य पारिवारिक जानकारियों को दर्ज किया जा रहा है. यह सर्वेक्षण शाम सात बजे तक जारी रहेगा.

एक तरफ जहां ऐसी आशंकाएं व्याप्त हैं कि सर्वेक्षण हैदराबाद में रहने वाले आंध्र प्रदेश के निवासियों को अलग-थलग करने के लिए किया जा रहा है, वहीं इसके विपरीत इस सर्वेक्षण में लाभार्थी के रिहायश का कॉलम शामिल नहीं किया गया है.

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इस प्रक्रिया के लिए सरकार ने मंगलवार को राज्य में छुट्टी घोषित कर दी है, जिससे तेलंगाना में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है. दुकानें, पेट्रोल पंप, होटल, सिनेमाघर, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, कंपनियां, कारखाने और शिक्षण संस्थान बंद हैं. सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) की बसें सड़कों से नदारद हैं. सरकार ने दुकानदारों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के मालिकों को आदेश का उल्लंघन न करने की चेतावनी दी है.

देशभर में मौजूद तेलंगाना के लोग इस सर्वेक्षण का हिस्सा बनने के लिए अपने शहरों और गांवों में पहुंचे हैं. हैदराबाद में मौजूद लोग जिन्होंने अपने जिलों में जानकारियां दर्ज कराई है, वे भी अपने घर को लौट रहे हैं.

सिंचाई मंत्री हरीश राव ने कहा कि विपक्षी पार्टियों द्वारा फैलाई गई गलत जानकारी के बावजूद भी सर्वेक्षण को बड़ी सफलता मिली है, जबकि कई लोग स्वयंसेवा की भावना से आगे आए हैं.

उन्होंने कहा, ‘सरकार उन परिवारों के बारे में जानकारी चाहती है, जिन्हें राशन कार्ड, घर और पेंशन जैसी सुविधाओं की जरूरत है. आंकड़ा योजनाओं को बेहतर बनाने और सभी जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करेगा.’

टीआरएस सरकार का कहना है कि विश्वसनीय आंकड़ों की कमी की वजह से कल्याणकारी योजनाओं को बनाने और उसे लागू करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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