आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य के गठन की घोषणा से जुड़ी घटनाओं का समयवार ब्यौरा:
1948: भारतीय सेना ने तेलंगाना सहित हैदराबाद रियासत को भारत में मिलाया.
1 नवंबर 1956: मद्रास स्टेट से तेलंगाना को अलग कर आंध्र स्टेट में शामिल कर तेलुगूभाषियों के लिए एक अलग राज्य आंध्र प्रदेश की स्थापना की गई.
1969: तेलंगाना को पृथक राज्य घोषित करने के लिए 'जय तेलंगाना' आंदोलन की शुरुआत. पुलिस की गोलीबारी में 300 से अधिक लोगों की मौत.
1972: आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों में 'जय आंध्र' आंदोलन की शुरुआत.
1997: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तेलंगाना के समर्थन में आई, तथा 1998 के चुनाव में उसने 'एक मत, दो राज्य' के नारे के साथ चुनाव लड़ा.
2001: तेलंगाना आंदोलत को जिवित रखने के लिए के. चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की स्थापना की.
2004: टीआरएस ने कांग्रेस के साथ संयुक्त रूप से चुनाव में हिस्सा लिया और पांच लोकसभा सीटों तथा 26 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) दल ने अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम में तेलंगाना मुद्दे को शामिल किया तथा प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में तीन सदस्यी समिति का गठन किया.
2 सितंबर 2009: मुख्यमंत्री वाई. एस. राजशेखर रेड्डी के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन के कारण राज्य राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति.
अक्टूबर 2009: चंद्रशेखर राव ने पृथक तेलंगाना के लिए आमरण अनशन शुरू किया.
9 दिसंबर 2009: केंद्र सरकार ने तेलंगाना राज्य के गठन प्रक्रिया के लिए कदम उठाने की घोषणा की.
तीन फरवरी 2010: केंद्र सरकार ने तेलंगाना मुद्दे पर पांच सदस्यीय श्रीकृष्णा समिति गठित की.
28 दिसंबर 2012: केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने एक सर्वदलीय बैठक के बाद एक महीने के अंदर अंतिम निर्णय किए जाने की घोषणा की.
12 जुलाई 2013: तेलंगाना पर आई रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष के साथ चर्चा के लिए कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक हुई.
30 जुलाई 2013: यूपीए की समन्वय समिति और कांग्रेस की कार्यकारी समिति की बैठक में पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का निर्णय लिया गया.