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सीमा पर फायरिंग, डिप्लोमैट्स जासूसी मामले पर पाकिस्तानी मीडिया में बौखलाहट

भारतीय मीडिया पाकिस्तानी जासूस पर फोकस कर रहा है तो पाकिस्तानी मीडिया के निशाने पर भारतीय अफसर है. यानी हमारी नजर में वो विलेन हैं और वो हमें खलनायक करार दे रहे हैं.

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सरहद पर चौकसी
सरहद पर चौकसी

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उरी हमले और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है. सरहद पर फायरिंग की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच तल्ख हो रहे रिश्ते में नया मोड़ उस वक्त आ गया जब नई दिल्ली स्थ‍ित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात अफसर महमूद अख्तर को जासूसी के पुख्ता सबूत मिलने के बाद भारत छोड़ने का फरमान सुनाया गया. भारत के इस कदम से पड़ोसी मुल्क बौखला गया. पाकिस्तान की सरकार ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में तैनात अधिकारी सुरजीत सिंह को देश छोड़ने को कह दिया.

इन घटनाओं को दोनों मुल्कों का मीडिया अपने-अपने नजरिये से देख रहा है. सीमा पर गोलीबारी को लेकर दोनों एक दूसरे की गलती ठहरा रहे हैं. भारतीय मीडिया पाकिस्तानी जासूस पर फोकस कर रहा है तो पाकिस्तानी मीडिया के निशाने पर भारतीय अफसर है. यानी हमारी नजर में वो विलेन हैं और वो हमें खलनायक करार दे रहे हैं.

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पाकिस्तानी अखबार 'ट्र‍िब्यून' ने अपने फ्रंट पेज पर जासूसी कांड में भारतीय अफसर के खिलाफ एक्शन को 'जैसे को तैसा' करार दिया है. अखबार ने लिखा है कि भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के डिप्लोमैट्स बर्खास्त कर दिए हैं. हालांकि जासूसी मामले में पाकिस्तान की सरकार ने फैसला भारत सरकार की ओर से एक्शन लेने के बाद लिया था. अखबार ने सरहद पर गोलीबारी को भारत की ओर से सीजफायर का उल्लंघन बताया है और पीएम नवाज शरीफ की ओर से जारी चेतावनी को प्रमुखता दी है.

पाकिस्तान के एक और अखबार 'द नेशन' ने भारत और पाकिस्तान की ओर से एक दूसरे के डिप्लोमैट्स को निकाले को 'जैसे को तैसा' की कार्रवाई कहा है. अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा है कि भारत एक तरफ सरहद पर फायरिंग कर पाकिस्तानी लोगों को मार रहा है, दूसरी ओर पाकिस्तान के अफसरों को दिल्ली में परेशान किया जा रहा है.

जासूसी मामले में तनाव को लेकर 'द डॉन' ने अपने संपादकीय में लिखा है कि कूटनीतिक मोर्चे पर ऐसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं लेकिन उम्मीद थी कि ऐसा ही होगा. अखबार ने दोनों मुल्कों के बीच शांति बहाली की जरूरत पर बल दिए जाने की बात की है. अखबार ने कहा है कि दोनों मुल्कों को एक-दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक तरीके से कार्रवाई करने से बचना चाहिए.

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'पाकिस्तान टुडे' ने सरहद पर तनाव को प्रमुखता देते हुए लिखा है कि भारत की ओर से की जा रही भारी गोलीबारी ने पीएम नवाज शरीफ को मुंहतोड़ जवाब देने पर मजबूर किया. अखबार ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के उस बयान को प्रमुखता दी है जिसमें उन्होंने अमेरिका से भारत और अफगानिस्तान के 'आतंकी कनेक्शन' को तोड़ने की गुहार लगाई है. पाकिस्तान का आरोप है कि भारत और अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान में हमले के लिए आतंकी गुटों की मदद कर रहे हैं.

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