29 जून से शुरू होने वाली श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर खुफिया रिपोर्ट सामने आई है कि आतंकी अप्रिय घटना को अंजाम देने की फिराक में लगे हैं. सुरक्षा एजेंसियों के सामने अमरनाथ यात्रा को सकुशल संपन्न कराना बड़ी चुनौती है. ध्यातव्य है कि इस साल यात्रा के बीच बुरहान वानी की पहली बरसी भी पड़ने की वजह से सुरक्षा बलों की चिंताएं और भी बढ़ी हुई हैं.
दरअसल, कश्मीर घाटी में कुछ आतंकवादियों की बरसी का वक्त हमेशा से संवेदनशील रहा है. इस दौरान अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन चरम पर पहुंच जाता है. सुरक्षा बलों के लिए अब इस बार 8 जुलाई की तारीख काफी चुनौतीपूर्ण हो सकती है. पिछले साल इसी तारीख को हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी मारा गया था. सुरक्षा बलों को इस बात का डर है कि जुलाई में अमरनाथ यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शनों की वजह से कोई बाधा न आ जाए.
आजतक से खास बातचीत में CRPF के डीजी ने कहा कि इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर दो खतरे हैं. अव्वल आतंकवादियों के हमले का खतरा और दूसरा पत्थरबाजी का खतरा. आतंकियों के अमरनाथ यात्रा के दौरान ग्रेनेड से हमला करने की बात कही जा रही है. CRPF ने इससे निपटने की पूरी तैयारी की है. यात्रा को लेकर जो भी संभावित खतरे हैं उसे लेकर CRPF ने पूरी सुरक्षा दी है. CRPF ने रोड ओपनिंग पार्टी को भी पूरे अमरनाथ यात्रा में लगा रखा है.
स्टोन पेल्टिंग से निपटने के लिए CRPF नई SOP के हिसाब से काम कर रहा है. अगर कोई अमरनाथ यात्रा में खलल डालता है तो उससे निपटने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल होगा. घाटी में आतंकियों की संख्या और उनकी मौजूदगी काफी है. वे इस वजह से भी हमारे ऊपर हमला कर रहे हैं. हालांकि CRPF भी उनसे निपटने के लिए हर संभव तकनीक का इस्तेमाल कर रही है.