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आतंकवाद शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा: प्रणब मुखर्जी

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि आतंकवाद शांति और सद्भाव के लिए सबसे बड़ा खतरा है, जो सीमाओं की परवाह नहीं करता और विनाश को अंजाम देता है. उन्होंने कहा कि इस समस्या के लाइलाज होने से पहले इसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि आतंकवाद शांति और सद्भाव के लिए सबसे बड़ा खतरा है, जो सीमाओं की परवाह नहीं करता और विनाश को अंजाम देता है. उन्होंने कहा कि इस समस्या के लाइलाज होने से पहले इसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

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आतंकवाद से कोई सुरक्षित नहीं
प्रणब मुखर्जी ने पाकिस्तानी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा, 'दुनिया में आतंकवाद से कोई सुरक्षित नहीं है. इसके लाइलाज होने से पहले इसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.' प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी.

शांति को बढ़ावा देने की जरूरत
प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'भारत दोनों देशों के लोगों के बीच अधिक सम्पर्क चाहता है, क्योंकि दोनों देशों में शांति को बढ़ावा देने का यह एक मजबूत उपाय है.'

'अच्‍छे पड़ोसी संबंध विकसित हों'
प्रणब मुखर्जी ने पाकिस्तानी सीनेट के अध्यक्ष सैयद नैयर हुसैन के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से कहा कि दोनों देशों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को अच्छे पड़ोसी सम्बंध विकसित करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.

प्रणब मुखर्जी ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि भारत, पाकिस्तान के साथ मित्रवत व सहकारी सम्बंध चाहता है. हुसैन ने दोनों देशों के बीच संवाद बहाली का स्वागत किया और कहा कि द्विपक्षीय व्यापार से दोनों देशों को लाभ होगा.

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उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान भी आतंकवाद का सामना कर रहा है. हमारी नेता बेनजीर भुट्टो आतंकवादी हमले की शिकार हुईं. कोई एक देश अकेले आतंकवाद की समस्या नहीं सुलझा सकता. आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया को लड़ना होगा.'

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